UNITED NEWS OF ASIA. उपरवाह।प्रदेश में पूर्व सरकार ने अधिकांश गांवों में नरवा, गरवा, घुरवा योजना के तहत आदर्श गौठान की निर्माण किया था। जहां घुमन्तू जानवरों व गांव के पालतू पशुओं की उचित देखभाल के लिए चरवाहा नियुक्त किया गया था।
इसका मूल उद्देश्य फसलों को नुकसान से बचाना था। लेकिन यह योजना ग्रामीणों, किसानों के दृष्टिकोण से कारगर साबित नहीं हुआ। अपितु इन पांच वर्षों मे घुमन्तू पशुओं की तादात बढ़ती चली गई।
लगभग सभी गांव के लोग परेशान होकर रात में वाहनों में भरकर अन्य गांव के सुनसान जगह छोड़ आते थे और वहीं मवेशी खेतों में लगी फसल को चट कर जाते। वर्तमान में भी यह सिलसिला जारी है। वाहन के चपेट में आ जाने से मौत हो जाती है।
वाहन चालक भी इन जानवरों से टकराकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। कई लोगों की जान भी चली गई। कलेक्टर ने इससे निजात पाने ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया है कि घुमन्तू जानवरों की व्यवस्था करें। इसके बाद भी क्षेत्र के अधिकांश गांव की सड़कों पर मवेशी घूमते या बैठे हुए देखा जे सकते हैं।