UNITED NEWS OF ASIA. जशपुर। एक पेड़ मां के नाम महा पौधरोपण अभियान अंतर्गत जिले के विभिन्न ग्रामों से वन मण्डल जशपुर में उपस्थित हुए वैधराजों को भिन्न-भिन्न प्रजातियों के वन औषधि पौधे बांटे गए।
इसमें हर्रा, बेहरा, अर्जुन, सतावर, बेल, एलोवेरा, नीम, काली मूसली, सफेद मूसली, सर्पगंधा, करंज, नागकेशरी, गिलोय, अश्वगंधा, गटारन समेत अन्य फलदार एवं औषधीय पौधे शामिल है। इनका उपयोग वैधराजों द्वारा विभिन्न प्रकार के बीमारियों के इलाज में औषिध निर्माण में किया जाता है। कार्यक्रम का आयोजन पीरामल फाउंडेशन द्वारा किया गया।
वन मण्डल कार्यालय परिसर में जिला वन मण्डल अधिकारी जितेंद्र उपाध्याय के द्वारा जशपुर के वैद्यों को औषधि बगिया संवर्धन के लिए औषधीय पौधे हर्रा, बहेरा, करंज, सर्पगन्धा, नागकेशरी, गिलोय, सतावर, प्रदान किया और पौधों के रख रखाव, सिंचाई, सुरक्षा के लिए प्रेरित किया गया।
वन एवं पर्यावरण की रक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। वृक्ष हमें प्राण वायु, फल, फूल, औषधि, ईंधन प्रदान करते है। वह घट रहे है। हमें वनों की सुरक्षा करनी चाहिए। जशपुर अंचल के विभिन्न ग्रामों से प्रमाणित आदिवासी उपचार कर्ता उपस्थित रहे।
पेड़ आने वाली पीढ़ी के लिए अनमोल उपहार जिला कार्यक्रम समन्वयक संतोष सोन ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम इन पौधे की जतन कर उन्हें वृक्ष होने तक सेवा कर आने वाली पीढ़ी के लिए अनमोल उपहार स्वरूप सौंपें। हमारी स्मृति के रूप में इन वृक्षों को देख कर याद करंगे।
उपचार कर्ता को जड़ी बूटी व औषधि घर आंगन में प्राप्त होने से हमें जंगल जाने से जो वक्त लगता है वह बच जाएगा एवं दुर्घटनाओं से भी बच सकेंगे। साथ ही जिले के स्कूलों में 1000 फलदार तथा छायादार प्रजाति के पौधों का रोपण एवं वितरण स्कूल के शिक्षक, बच्चें एवं वन अमला की उपस्थित में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित वैधराजों, शिक्षक एवं बच्चों ने अपनी मां के नाम से एक पेड़ लगाया एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी ली।