
UNITED NEWS OF ASIA. अरुण पुरेना, बेमेतरा। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रणबीर शर्मा ने वर्षा ऋतु में 16 जून से 15 अगस्त तक मत्स्याखेट, विपणन एवं परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। विगत वर्ष की भांति वर्ष 2024-25 में भी 16 जून से 15 अगस्त 2024 तक मत्स्याखेट प्रतिबंध रहेगा। वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में उन सभी तालाबों एवं जल स्त्रोतों में जिनका संबंध नदी नालों से नहीं है। उसके अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर को छोड़कर सभी प्रकार के जल संसाधनों में मत्स्याखेट कार्य पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।
जारी आदेश में कहा गया है की वर्षा ऋतु में मछलियों के वंश वृद्धि (प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम 1972 की धारा-3, उपधारा-2, (दो) के तहत 16 जून से 15 अगस्त तक की अवधि को ‘बंद आऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया गया है, अतः जिले के समस्त नदियों-नालों तथा छोटी नदियों, सहायक नदियों में जिन पर सिंचाई के तालाब / जलाशय (बड़े या छोटे) जो निर्मित किये गये हैं, में किये जा रहे केज कल्चर के अतिरिक्त सभी प्रकार का मत्स्याखेट 16 जून 2024 से 15 अगस्त 2024, तक पूर्णतः निषिद्ध रहेगा।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम-3 (5) क अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा 10000/- रू का जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान है। उक्त नियम केवल छोटे तालाब या अन्य जल स्त्रोत जिनका संबंध किसी नदी नाले से नहीं है में लागू नहीं होंगे।
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