
United News Of Asia : आयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए राम भक्तों को पांच सौ सालों का इंतजार करना पड़ा वैसे ही नक्सली इलाके के सुकमा जिले में एक ऐसा गांव है जहां 21 साल बाद एक राम मंदिर के कपाट खुले है।
नक्सलियों के फरमान के बाद 2003 में मंदिर को बंद करवा दिया गया था। नक्सल प्रभावित गाँव केरलापेंदा में 1970 में भव्य राम मंदिर बनाया गया था। लेकिन 2003 में नक्सलियों के फरमान के कारण मंदिर को बंद किया और अब सीआरपीएफ के जवानों ने फिर से मंदिर के दरवाजे खोल दिये है।
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मंदिर की कहानी
ग्रामीणों ने बताया कि 1970 में मंदिर की स्थापना बिहारी महाराज जी द्वारा की गई थी और पूरे गांव के सहयोग से मंदिर का निमार्ण करवाया गया था। उस दौर में ना सड़क हुआ करती थी और ना ही समान लाने के लिए वाहनों की उपलब्धता थी। इसके बाद भी ग्रामीणों पैदल चल कर मंदिर निमार्ण का कार्य पूरा करवाया।
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भव्य मेले में अयोध्या से आते थे साधु
पहले भव्य मेला भी लगता था और साधु सन्यासी अयोध्या से आते थे। लेकिन नक्सल प्रकोप बढ़ने से पूजा पाठ बंद करवा दिया गया और पूरी तरह से मंदिर भी बंद हो गया। नक्सलियो ने इस मंदिर को अपवित्र कर ताला लगा दिया। इतने सालों से बंद होने के कारण यह पूरी तरह से जर्जर हो गया है और यह पूरी तरह से खंडर में बदला हुआ दिख रहा है।
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सीआरपीएफ के जवानों ने खोले कपाट
बंद पड़े मंदिर के कपाट को सीआरपीएफ के जवानों में खोला है। इस पहल से गांव के लोगों में विश्वास आया और उन्हें देश की मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए अधिकारियों ने पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।