
UNITED NEWS OF ASIA. रायगढ़। जिले के छाल में हाथियों के उत्पात से परेशान सर्व आदिवासी समाज ने धरमजयगढ़ ब्लॉक के पदाधिकारियों ने बैठक की। उन्होंने कहा कि एक एकड़ में 21 क्विंटल धान के फसल का नुकसान होने पर मात्र 9 हजार रुपए दिया जाता है, जबकि 21 क्विंटल धान का बाजार मूल्य 65 हजार रुपए है।
किसानों ने कहा कि कम राशि मिलने से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि हाथियों के हमले से अगर किसी की मौत होती है, तो 50 लाख रुपए मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर 11 नवंबर को छाल तहसील कार्यालय घेराव की चेतावनी दी है। बैठक में यह भी बताया गया कि हाथी फसल को नुकसान करते हैं।
जब उसका कम मुआवजा किसानों को मिलता है तो उन्हें आर्थिक नुकसान तो होता ही है। साथ ही उनका कृषि पंजीयन भी रद्द हो जाता है। इसके लिए हाथी से प्रभावित हुए किसान अपने धान को बेच भी नहीं सकते हैं। इसी तरह मूंगफली, सब्जी अन्य फसलों का अलग अलग मुआवजा राशि तय है। सभी में किसानों को कम मुआवजा दिया जाता है।
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