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छत्तीसगढ़ कांग्रेस के राजनीति मंत्री टीएस सिंहदेव ने सचिन पायलट के अनशन को समर्थन दिया। राजस्थान के बाद क्या छत्तीसगढ़ में भी संग्राम दिखता है? टीएसदेव के बयान कांग्रेस में मची खलबली से

छवि स्रोत: फाइल फोटो
सिंहदेव

रायपुर: राजस्थान में कांग्रेस के अंदर चल रहे सियासी संग्राम को लेकर सभी की नजरें छत्तीसगढ़ पर हैं। सवाल उठ रहा है, क्या छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह के हालात बन सकते हैं? राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और एक दिन का धरना भी दिया है। इसके पायलट के पीछे सियासी महत्वाकांक्षाएं जा रही हैं। राजस्थान में कांग्रेस के बढ़ते प्रभाव के कारण दूसरे राज्यों पर भी विवाद हो रहे हैं।

टीएसदेव ने सचिन पायलट का समर्थन किया

अब छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव सचिन पायलट का समर्थन करने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं। सचिन पायलट के पक्ष में सिंहदेव ने बयान दिया है कि सचिन पायलट ने कोई लक्ष्मण रेखा पार की ऐसा मुझे नहीं लगता है। यह पार्टी विरोधी परिस्थिति नहीं है। सचिन पायलट को लगता है कि चुनाव के समय उन्हें वोटर को जवाब देना होगा, क्योंकि उन्होंने कहा था कि वसुंधरा राजे की सरकार में बहुत भ्रष्टाचार हुआ है और वे इसकी जांच करेंगे लेकिन उन्होंने नहीं किया। अब आप जनता के पास जाएंगे तो जनता आपसे जवाब मांगेगी। कहेगी हम आपको वोट क्यों देंगे, आपने जो कहा था उसकी बात पूरी नहीं की।

बघेल-सिंहदेव के बीच सब ठीक नहीं!
कांग्रेस एक और राज्य है छत्तीसगढ़, जहां गाहे-बगाहे के अंदर कई जानकारियां आती रहती हैं। यहां कथित तौर पर यही कहा जाता है कि भागीदार भूपेश बघेल और राज्य के कद्दावर मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है। इन दृष्टि से पार्टी हाईकमान भी वाकिफ है। यहां कई बार तो यह भी बात सामने आई कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद एक घोषणा समझौता हुआ था, जिसमें छती सालों के लिए नौकरी दी जाने की बात कही गई थी। यह अलग बात है कि इसे खुले तौर पर कोई स्वीकार नहीं करता।

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स्थानीय राजनीतिक कवरेज का मानना ​​है कि राज्य में कांग्रेस की दो बहुसंख्यक सरकार है और उसे किसी तरह का खतरा नहीं है। यहां साथ में लीडर्स में पारस्परिक पारियां तो है मगर राजस्थान जैसी स्थिति नहीं है। राजस्थान में शामिल विवरणों को लेकर छत्तीसगढ़ की चर्चा हो सकती है, लेकिन जैसा राजस्थान में वैसा होने के आसार कटई नहीं हैं।

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