UNITED NEWS OF ASIA. असीम पाल, दंतेवाड़ा। एक सुपोषित स्वस्थ बच्चा ही समुदाय के समावेशी विकास का मापदण्ड तय करता है यानी आज का स्वस्थ बच्चा, कल का स्वस्थ नागरिक इसलिए स्वास्थ्य शिक्षा एवं पोषण जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना शासन प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक होते है और जिला प्रशासन द्वारा सदैव इस बात को जोर दिया जा रहा है कि हमारे आंगनबाड़ी एवं सुपोषण केन्द्रों में नौनिहालों को पोषण आहार मिलना शत प्रतिशत सुनिश्चित हो और इसके लिए ग्रामीण एवं वनांचलों स्थित आंगनबाड़ी केंद्र बखूबी अपनी भूमिका को निभा रहे है।
शून्य से 6 वर्ष तक बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य में सुधार कर उन्हें शारीरिक मानसिक विकास की बुनियाद रखने में इन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गुरूत्तर दायित्व है। इस क्रम में जिले में संचालित मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण की दर में सापेक्षित कमी के साथ बेहतर परिणाम प्राप्त हुए है। पूरक पोषण आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, पोषण एवं स्वास्थ्य पर शिक्षा, बच्चों को शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा दे रहे इन आंगनबाड़ी केन्द्रों से अब तक जिले में कुल 16472 बच्चे एवं 6116 गर्भवती एवं शिशुवती माताएं लाभान्वित हुए है।
जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में वर्तमान में 1 वर्ष से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों सहित 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों के लिए चावल, रोटी, दाल, सब्जी और अंडा नियमित रूप से दिया जा रहा है। इसी प्रकार गर्भवती एवं शिशुवती माताएं के लिए भी चावल, रोटी, दाल, अंडे के अलावा उपलब्ध स्थानीय हरी सब्जियां लौकी, मुनगा, कुम्हड़ा, कच्चे पपीते, हरी पत्तेदार सब्जियां भी दिया जाना सुनिश्चित किया गया है। इन खाद्य सामाग्रियां उपलब्ध कराने के लिए भी सी-मार्ट एवं स्व सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई है।
इस कड़ी में परियोजना दन्तेवाड़ा के बड़े कारली स्थित आयतू पारा तथा बारसापारा के सक्षम आंगनबाड़ी केंद्र में भी बच्चों एवं हितग्राही महिलाओं को नियमित रूप से उपरोक्त पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। इनमें आयतू पारा केन्द्र में कुल 49 बच्चे तथा बारसापारा में 17 बच्चे है, इसी प्रकार आयतू पारा केन्द्र में 12 शिशुवती एवं 4 गर्भवती माताएं तथा बारसापारा में 6 शिशुवती एवं 5 गर्भवती पंजीकृत है जिन्हें भी इस प्रकार के पौष्टिक आहार दिए जा रहे है।
इन केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रीना सरकार तथा गंगा कश्यप ने इस संबंध में बताया कि बच्चों को नियमित रूप से सुबह के नाश्ते के तौर पर रेडी-टू-ईट आहार एवं पोहा दिया जाता है। इसके अलावा मध्यान्ह भोजन में खाना के साथ-साथ उबले अंडे नियमित रूप से दिये जाते है। केंद्र में मध्यम कुपोषित श्रेणी के बच्चे भी है जिन्हें मुख्यालय के एनआरसी केंद्र भेजा गया है और बच्चों के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र में टीवी भी प्रदाय किया गया है।
जिसके माध्यम से वे बच्चों को कहानी, कविता इत्यादि सिखाती है और बच्चे भी यहां आकर प्रसन्नचित रहते है और निरीक्षण के दौरान वास्तव में उक्त आंगनबाड़ी केन्द्र में खाना खाते हंसते खिलखिलाते नन्हे बच्चों को देखना एक सुखद अनुभव था। जिले में कुपोषण दर को कम करने में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का महती योगदान रहा है और इस अभियान को गति देने में जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र पूरे समर्पण से जुटे हुए है।