
UNITED NEWS OF ASIA. बिहार के रोहतास जिले में छत्तीसगढ़ की 41 नाबालिग बच्चियों को जबरन देह व्यापार में धकेले जाने के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस और एनजीओ की संयुक्त टीम ने नटवार बाजार स्थित रेड लाइट एरिया में छापा मारकर सभी बच्चियों को मुक्त कराया और 5 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया। फिलहाल, सभी नाबालिगों को बाल कल्याण समिति, सासाराम में सुरक्षित रखा गया है और उन्हें वापस छत्तीसगढ़ लाने की तैयारी की जा रही है।
बिहार से संपर्क, छत्तीसगढ़ से टीम रवाना
बिहार पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस से संपर्क कर इस बड़े मानव तस्करी रैकेट की जानकारी दी। मिली जानकारी के मुताबिक, जगदलपुर, अंबिकापुर, कोंडागांव और बेमेतरा समेत कई जिलों की बच्चियां इसमें शामिल हैं। डीजीपी के निर्देश पर रायपुर में पुलिस, श्रम विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया है, जो 27 सदस्यीय टीम के साथ बिहार पहुंचकर सभी बच्चियों को वापस लाने की प्रक्रिया पूरी करेगी।
कैसे तस्करों के जाल में फंसीं मासूम बच्चियां?
जांच में सामने आया है कि पैसों के लालच में बच्चियों के परिवारवालों ने ही उन्हें 30 से 50 हजार रुपए में बेच दिया। तस्कर पहले डांस पार्टियों में काम दिलाने का झांसा देते थे, फिर धीरे-धीरे देह व्यापार में धकेल देते थे। जबरन इस दलदल में धकेली गई कई बच्चियों ने परिवारवालों को हर महीने पैसे भेजने की मजबूरी में यह घिनौना काम करना जारी रखा।
बिहार में छापेमारी और तस्करों की गिरफ्तारी
बुधवार देर रात पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि नटवार थाना क्षेत्र में दूसरे राज्यों से लड़कियों को लाकर डांस और अवैध धंधे में लगाया जा रहा है। इस पर बाल कल्याण समिति और पुलिस टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 41 नाबालिगों को रेस्क्यू किया और 5 मानव तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी बिहार के स्थानीय निवासी हैं, जो लंबे समय से छत्तीसगढ़ से लड़कियों की तस्करी कर रहे थे।
आगे क्या होगी कार्रवाई?
- छत्तीसगढ़ पुलिस सभी नाबालिगों को सुरक्षित वापस लाएगी।
- गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ कर इस रैकेट में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
- बिहार और छत्तीसगढ़ सरकार मिलकर मानव तस्करी के खिलाफ सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है।
मानव तस्करी के खिलाफ बड़ा कदम
यह मामला सिर्फ एक राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव तस्करी के एक बड़े संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है। इस खुलासे ने प्रशासन और समाज को झकझोर कर रख दिया है। जरूरत है कि ऐसे मामलों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि कोई और मासूम इस दलदल में ना फंसे।













