छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में बड़े बदलाव की ओर भाजपा, विधानसभा चुनाव 2023 में नए चेहरों पर लगा सकती है दांव

 

Chhattisgarh BJP Leadership Crisis: मिशन 2023 के लिए जुटी छत्तीसगढ़ बीजेपी के सामने नेतृत्व और चेहरे का संकट दिखाई दे रहा है. प्रदेश के नेताओं को दिल्ली तलब करने के बाद प्रदेश बीजेपी में बदलाव की बयार तेज गति से बहने लगी है. माना जा रहा है कि चुनावी रणनीति को साकार करने आला कमान नए चेहरों पर भी दांव लगा सकती है. हालांकि इसको लेकर फिलहाल कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.

रायपुर. छत्तीसगढ़ बीजेपी मौजूदा दौर में उस संक्रमण काल से गुजर रही है, जहां विरोधियों से लड़ने की चुनौती से पहले अपनों से ही लड़ने की चुनौती उसे घेरे हुए है. किसी भी राजनीति दल का चुनाव में जीत-हार कोई नई या अनोखी बात नहीं है. मगर छत्तीसगढ़ बीजेपी 15 सालों बाद साल 2018 में विधानसभा का चुनाव हार जाती है. और तब से लेकर अब तक महज लोकसभा चुनाव को छोड़कर. चार-चार उपचुनाव, तीन बार नगरीय निकाय चुनाव और पंचायतों के चुनाव में भी बीजेपी की करारी हार होती है. बीते दिनों खैरागढ़ में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी.

खैरागढ़ उपचुनाव में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तीन-तीन केंद्रीय मंत्रियों को भी उपचुनाव के जंग में उतारा गया. बावजूद इसके बीजेपी के प्रत्याशी की बीस हजार से अधिक वोटों से हार हो जाती है. जिसके बाद से पार्टी के भीतर खाने बदलाव को लेकर लगातार चर्चा होने लगी है. राजनीतिक व वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि बीजेपी के भीतर बदलाव बेहद ही जरूरी है. क्योंकि महज डेढ़ साल बाद फिर से विधानसभा का चुनाव होना है और अगर मौजूदा चेहरों पर ही चुनाव लड़ा जाएगा तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी नए चेहरों पर दांव खेल सकती है.

बदलाव की बयार

लगातार मिल रही चुनावी हार से बीजेपी के भीतर बदलाव की बयार तेज गति से बह रही है. आला कमान द्वारा नेताओं को दिल्ली तलब करने के बाद रमन-धरम-विष्णुदेव की तिकड़ी पर पार्टी के ही कई नेताआों ने आंखे टेढ़ी कर ली हैं. एक धड़ा लगातार नए चेहरों को मौके देने की चर्चा कर रहा है तो वहीं युवा भी खुद को मौका मिलने का इंतजार करने लगे हैं. बीजेपी के भीतर बदलाव के इस बयार पर कांग्रेस करारा तंज कस रही है. कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला कहते हैं कि बीजेपी ताश के 52 पत्ती की तरह है और हर पत्ती दागदार है चाहे कितना भी फेंट लें दागदार चेहरा ही सामने आएगा. वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी दावा करते हैं कि बदलाव से परे बीजेपी संगठन के लिए कार्य करती है. मौजूदा समय में जो भी रणनीति बनाई जा रही है सत्ताधारी दल कांग्रेस को परास्त करने की बनाई जा रही है.

 


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