
छत्तीसगढ़ समाचार: छत्तीसगढ़ में अगर किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनानी हो तो सत्ता का रास्ता बस्तर से शुरू होता है। यानी बस्तर का कैमल जिधर करवट दावा सत्ता उसी राजनीतिक दल के इर्द- कायम रहेगा, बस्तर में जिस पार्टी की छाया मजबूत हो जाए वह दल छत्तीसगढ़ की राजनीति में सत्ता कायम रखता है, बस्तर संभाग में विधानसभा की 12 सीटे हैं।
मौजूदा स्थिति की बात करें तो सभी 12 विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस का कब्जा है, लेकिन अनुमानों के आधार पर राजनीति चलती है, राजनीति में हर पहलू हमेशा कायम रहता है। चुनाव निकट आने की संभावनाएं दिखने की संभावना में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ मिशन की शुरुआत करने जा रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा बस्तर में आज हुंकार भरेंगे। इसी कड़ी में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनावी दहाड़ के लिए बस्तर संभाग में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं।
बस्तर विजय के लिए बीजेपी की क्या रणनीति है?
विशेष बस्तर संभाग घोर अतिसंवेदनशील संभाग है। ये माता-पिता का गढ़ माना जाता है। ये पूर्णत: आदिवासियों के हैं। इस इलाके में कांग्रेस सबसे मजबूत पार्टी है। संभाग की 12 विधानसभा सीट से 12 सीट कांग्रेस के कब्जे में है। इस संभाग में कांकेर और बस्तर की दसवीं सीट है। इसमें कांकेर बीबीसी और बस्तर कांग्रेस का व्यवसाय है। लेकिन ये आंकड़ें बीबीसी को बदलने के लिए एड़ी की चोटी का जोर लगा रहे हैं। बस्तर की 12 विधानसभा सीटों और दो दशक की सीटों के लिए सीबीआई फर्जी आरोपों को दस्तावेजों में डालने की कोशिश की जा रही है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का छत्तीसगढ़ दौरा
आपको बता दें कि, आज जेपी नड्डा जगदलपुर में एक बड़े चुनावी सभा को संदेश देंगे। लेकिन इससे पहले वो जगदलपुर स्थित मां दंतेश्वरी के मंदिर जाएंगे। यहां माता के दर्शन-पूजन के बाद वो मिशन 2023 का बिगुल फुकेंगे। वैसे छत्तीसगढ़ की बाद करें तो इस राज्य को खाटी हिंदू राज्य कहा जाता है। ऐसा नहीं है कि यहां और समुदाय के लोग बसते नहीं हैं, लेकिन वो किसी दल को चुनाव जीता है और किसी को सत्ता देने की चौखट तक पहुंचती है इस स्थिति को नहीं है। इसके बाद लदान के आस-पास जेपी नड्डा की आम जनसभा होगी और दोपहर साढ़े ग्यारह बजे नड्डा नारायणपुर जाएंगे। आरोपीब है कि शुक्रवार की रात को एक हमलावर हमले में बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष की हत्या हुई है और उनके अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही परिवार से मुलाकात करेंगे। इसके लिए भाजपा के जिला कार्यालय में तैयारी की जा रही है। जेपी नड्डा के दौरे को लेकर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की फिर से जा रही है।
बस्तर संभाग में सबसे बड़ा विवाद क्या है?
बस्तर संभाग ट्राइबल बेल्ट है। इसके अलावा यहां तक कि पिछले दो दशकों से पड़ोसियों का प्रकोप है, इसके कारण बस्तर के बेहतर क्षेत्रीय विकास के लिए लाट रहे हैं। वहीं बस्तर में पिछले एक महीने में तीन बीजेपी नेताओं की हत्या का प्रयास किया गया है. ये बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चिंता का सवाल है। इसके अलावा बस्तर संभाग में धर्मांतरण को लेकर आने वाले दिन बवाल दिखने को मिलते हैं और नट कट से आदिवासियों की नाराजगी अभी भी जारी है। इस बार चुनाव में कांग्रेस के लिए बस्तर में जीत आसान नहीं होगी. बीजेपी के पास बस्तर के आदिवासियों को साधने का बड़ा मौका है. इसे छोड़ना नहीं चाहता, इसलिए लगातार बस्तर संभाग में बीजेपी का फोकस बढ़ गया है।
वालंटियर्स के रहने में बीजेपी के नेता !
ज़ोस्टरब है कि 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भीमा मंडावी ने दागेवाड़ा में जीत दर्ज की थी। बाकी 11 पर कांग्रेस का कब्जा था। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में भीमांडावी पर अत्याचारियों ने बड़ा हमला किया है। उनके काफिले ने बम से उड़ान भरी थी। इसमें उनकी सुरक्षा के साथ भीमा मंडावी की भी मौत हो गई थी। अब पिछले एक महीने में 3 बीजेपी नेताओं की हत्या हो चुकी है। बीते पांच फरवरी को बीजापुर में बीजेपी नेता के परिवार के सामने ही शेयरधारकों ने उनकी हत्या कर दी थी.



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