
UNITED NEWS OF ASIA. दुर्ग | दुर्ग छत्तीसगढ़ में रेलवे से जुड़ी 2 बड़ी घटनाएं सामने आई हैं। पहली में भिलाई रेलवे स्टेशन के पास एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह से यात्रियों में हड़कंप मच गया। वहीं दूसरी घटना पेंड्रा रोड के पास हुई। पैसेंजर ट्रेन को डिरेल करने के लिए रेलवे ट्रैक पर बोल्डर पत्थर दिए, जिससे ट्रेन डिरेल होते होते बची।
एक महीने पहले भी गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में बड़ा हादसा हुआ था। कोयला ले जा रही मालगाड़ी डिरेल हो गई थी। इंजन सहित 23 डिब्बे पटरी से उतरकर पलट गए। मालगाड़ी बिलासपुर की ओर जा रही थी, तभी भनवारटंक रेलवे स्टेशन के पास हादसा हुआ था। फिलहाल पटरी पर बोल्डर रखने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
- पहला मामला- भिलाई में ट्रेन से धुआं
रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक विशाखापट्टनम से चलकर मुंबई लोक मान्य तिलक टर्मिनस एलटीटी जाने वाली लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से रविवार को 16.55 बजे चली थी। वो भिलाई रेलवे स्टेशन सोमवार सुबह 5.10 बजे पहुंचती। जैसे ही ट्रेन भिलाई रेलवे स्टेशन पहंची, उसके पहिए के पास से काफी तेज धुंआ निकलने लगा
धुंआ निकलता देख यात्रियों को लगा कि ट्रेन में आग लग गई। इससे उनके बीच हड़कंप मच गया। ट्रेन भिलाई रेलवे स्टेशन से जैसे ही चली यात्रियों ने हंगामा कर शिकायत करना शुरू कर दी। ट्रेन जैसे दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंची, वहां रेलवे अधिकारी और कर्मचारी तुरंत पहुंच गए।
ट्रेन का पहिया गर्म हो गया, जिससे धुआं निकला
उन्होंने इसकी जांच की, जिसके बाद पता चला कि ट्रेन का पहिया हल्का जाम था, जिससे वो गर्म हो गया और उसमें से तेज धुंआ निकलने लगा। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह एक सामान्य घटना है। दुर्ग स्टेशन पर पूरी ट्रेन की जांच की गई। स्थिति सामान्य पाई गई तो अनाउंस कर ट्रेन को आगे रवाना किया गया।
- दूसरा मामला- भनवारटंक में पटरी पर रख दिए बोल्डर
दूसरी बड़ी घटना पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन के पास घटी। यहां 29 दिंसबर की देर रात 12.30 बजे भनवारटंक खोडरी के बीच अप लाइन में हुई। यहां टनल के पास रेलवे ट्रैक पर एक शख्स ने नाली के ऊपर कवर करने के लिए रखे जाने वाले सीमेंट के स्लैब को उठाकर रख दिया था। इसके साथ ही पत्थर (बोल्डर) भी रखे गए थे।
बताया जा रहा है कि इसी दौरान वहां से ट्रेन नंबर 20807 हीराकुंड एक्सप्रेस गुजरने वाली थी। जैसे ही रेलवे के अधिकारियों को इसकी सूचना मिली उन लोगों ने ट्रेन को रोका। तुरंत मौके पर पहुंचे और ट्रैक से स्लैब को हटवाया गया। पेंड्रारोड आरपीएफ इसकी जांच कर रही है।
लोको पायलेट की सूझबूझ से टली बड़ी अनहोनी
बताया जा रहा है कि हीराकुंड एक्सप्रेस के लोको-पायलट ने अचानक देखा कि ट्रैक के ऊपर बड़े बड़े पत्थर पड़े हैं। इसलिए उसने ट्रेन को पहले ही रोक दिया। इसकी जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारियों को दी। अगर लोको-पायलट ने ट्रेन नहीं रोकी होती तो वह डिरेल हो जाती है और बड़ी अनहोनी हो जाती।
रेलवेकर्मी की निगरानी के बाद भी ऐसा क्यों ?
आरपीएफ की फोर्स वहां लग गई है। अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि जब टनल के अंदर और आसपास की निगरानी के लिए बकायदा रेलवे कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, तो फिर ऐसा कैसे हो गया। रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा जाना किसी साजिश का अंदेशा हो सकता है।
यह क्षेत्र चारों ओर पहाड़ों और घने जंगल से घिरा हुआ है, इसलिए इसकी जांच की जा रही है।
कई घंटे तक ट्रेनें हुईं लेट
इस घटना के चलते ट्रेन नंबर 20807 (हीराकुंड एक्सप्रेस) कई घंटे मौके पर खड़ी रही। इसके अलावा उसी ट्रैक से गुजरने वाली 18247 रीवा एक्सप्रेस और 12853 अमरकंटक एक्सप्रेस करीब एक से दो घंटे तक खड़ी रखी गईं।
RPF ने बोल्डर रखने वाले आरोपी को किया गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने बताया कि पटरी पर बोल्डर रखने वाले आरोपी को RPF ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पेंड्रा थाना क्षेत्र के कोलबिरा निवासी है, जिसका नाम पवन सिंह है। आरोपी ने भंनवारटंक स्टेशन के पास ट्रेन रोकने के लिए पटरियों पर बोल्डर रखा था।
आरोपी के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153, 174 (सी) के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।



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