
UNITED NEW OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) तहत निजी स्कूलों में एडमिशन ले लेने के बावजूद बच्चे पढाई क्यों छोड़ रहे हैं अब इसकी जानकारी जिला प्रशासन लेगा। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने निजी स्कूल संचालकों और नोडल प्राचार्य की बैठक ली।
साथ ही सभी स्कुल संचालकों को ये निर्देश भी दिया कि जल्द से जल्द समीक्षा कर पूरी रिपोर्ट सौंपी जाये।
छात्रों की शिक्षा क्यों नहीं हो रही बताएं?
उन्होंने कहा कि आरटीई का पालन करना पहली प्राथमिकता है। अनिवार्य रूप से इसका पालन किया जाए। बच्चे अपनी शिक्षा क्यों पूरी नही कर पा रहे हैं, इसकी समीक्षा की जाए। फिर से उन्हें शिक्षा से जोड़ने के प्रयास किए जाए। जिला प्रशासन भी ड्रॉपआउट बच्चों के संबंध में आवश्यक जानकारी जुटाएगा।
बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि निजी स्कूल आरटीई से संबंधित अपडेट रिकार्ड उपलब्ध कराए। जितने विद्यार्थी अध्ययनरत है, उसकी ही जानकारी दें।
52 हजार से ज्यादा सीट आरक्षित
स्कूल शिक्षा विभाग के अनुसार, आरटीई के तहत निजी स्कूलों को अपने यहां शुरुआती कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीट आरक्षित करना पड़ता है। यानी प्रारंभिक कक्षाओं की 25% सीट पर आरटीई के तहत प्रवेश होता है। प्रदेश में इस समय आरटीई के दायरे में आने वाले स्कूलों की संख्या 6 हजार 554 है। इनमें 52 हजार 782 सीट आरक्षित है। इस बार कुल 1 लाख 22 हजार आवेदन आए हैं।
7 जिलों में 16 हजार बच्चों को मिला प्रवेश
आरटीई के तहत दाखिला लॉटरी के तहत होता है। फिलहाल 7 जिले रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, जशपुर और जगदलपुर के लिए लॉटरी निकाली जा चुकी है। इसमें 16 हजार बच्चों का दाखिला होगा।
जिला आरक्षित सीट कितनों छात्रों को प्रवेश मिला
- रायपुर 5126 4655
- दुर्ग 4293 3462
- बिलासपुर 4558 3609
- राजनांदगांव 1703 1471
- कवर्धा 1351 1242
- जशपुर 1252 895
- जगदलपुर 761 702
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