उनकी मौजूदगी ही विरोधी खेमे को आतंकित करने के लिए काफी हद तक है। पेशेवर क्रिकेटर शायद यह उनका आखिरी सत्र हो सकता है और इसे यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहिए।
इंडियन प्रीमियर लीग की दस टीमों में चेन्नई सुपर किंग्स के साथ फैन्स का एक जुड़वाती रिश्ता है और इसका सबसे अहम कारण है कप्तान सभी सिंह धोनी। 41 साल के धोनी टीम को चार टाइटल मिले हैं और नौ बार फाइनल हो चुके हैं। उनकी मौजूदगी ही विरोधी खेमे को आतंकित करने के लिए काफी हद तक है। पेशेवर क्रिकेटर शायद यह उनका आखिरी सत्र हो सकता है और इसे यादगार बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहिए।
वर्किंग अब ‘होम एंड अवे’ (अपनी और विरोधी टीम के मैदान पर) ड्राफ्ट में लौटा और चेन्नई में अपने गढ चेपॉक पर सात मैच खेले। पिछले सत्र में प्लेआफ में पहुंचने पर चेन्नई टीम की कप्तानी रविचंद्र जडेजा को सौंपी गई थी, लेकिन बाद में धोनी को फिर कप्तान बना दिया गया। वह जीत के साथ विदा पाने की कोशिश में होगा। मैक्सिमा चेन्नई को हलके में लेना मूर्खता होगी और यह भी अलग नहीं है। इंग्लैंड के हरफनमौला बेन स्टोक्स अब टीम में हैं जो एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं।
फोर्सेस : बेन स्टोक्स की मौजूदगी से चेन्नई की विपरीत हिटिंग मजबूत होगी। चेपॉक की धीमी पिच पर वह एक या दो शानदार ओवर डाल सकते हैं जो मैच का रूख पलट सकते हैं। चेपॉक के सात घरेलू मैचों में विंद्र जडेजा और मोइन अली भी काफी प्रभावशाली साबित हो सकते हैं। बल्लेबाजी में डेवोन कोंवे और रूतुराज गायकवाड़ उपयोगी होंगे, जबकि अंबाती रायुडू, स्टोक्स, धोनी और जडेजा मध्य क्रम को बोलेंगे। कमजोरी : मुकेश चौधरी चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं जो सीएसके के लिए बड़ा झटका है।
दीपक चाहर कमर और हैमस्ट्रिंग की चोट से लंबे समय तक वापसी कर रहे हैं। मैच की स्थिति में उनकी फिटनेस की परख नहीं हो पाती है। वह विश्व कप टीम में जगह बनाकर रोशन हैं और शानदार प्रदर्शन करना चाहेंगे। मौका : तेज गेंदबाजी में युवा सिमरजीत और लसिथ मलिंगा के जैसे एक्शन वाले एम पथीराना के पास अपनी प्रभाव सिद्ध करने का मौका होगा।
धोनी टैलेंट को परखने में माहिर हैं और ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ के नियमों का बखूबी इस्तेमाल करना जानते हैं। ऐसे में मिशेल सेंटनर भी सक्रिय रहेंगे। खतरा : सीएसके के सामने उसके खिलाड़ियों की उम्र सबसे बड़ी चुनौती है। कार्यक्रम वाले मैचों में रायडू और अजिंक्य रहाणे दबाव में आ सकते हैं। इसके अलावा टीम के पास अच्छा भारतीय स्पिनर भी नहीं है। जडेजा टी20 में हाल ही में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं मिलता है।
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