<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"चंडीगढ़ समाचार: पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में रेप के मामले में घिनौने मुकदमे के मुकदमे को कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली पीड़िता की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर महिला को पहले पता चल जाता है कि उसका प्रेमी शादीशुदा है और फिर भी महिला उसके साथ रिश्ते में रहती है तो ऐसे में शादी का झांसा देकर बलात्कार की अर्जी को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
< पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफ़ाई करें;"शादी का झांसा देकर संबंध
महिला की तरफ से हाई कोर्ट में दाखिल होने की शिकायत में कहा गया था कि हर बार उसका पीछा करने से उसे परेशानी होती थी। फिर दोनों आपस में मिलने लगे तो पड़ोसी से संबंध बनाने का काम करने लगे। महिला ने इस बात को अस्वीकार कर दिया तो एक दिन घटना ने उसे नशीला पदार्थ खिला दिया और संबंध बनाने का प्रयास किया। नशे की वजह से पीड़िता ने उसका विरोध नहीं किया और फिर दुर्घटना उसे बार-बार बुलाने लगी। उससे शादी करने का झांसा दिया गया। लेकिन कुछ समय बाद महिला को किसी दुर्घटना से दुखी होने की जानकारी हुई तो वो उससे दूरी बनाने लगी।
जींद में दर्ज करवाई एफआईआर
महिला ने याचिका में कहा है कि जब वो विवेक से दूरी बनाने लगी तो उसने धमकाना शुरू कर दिया। उसी महिला ने शिकायत दर्ज होने की बात कही तो सनसनी ने आत्महत्या करने की धमकी दी। महिला ने परेशान होकर 2018 में एक और घटना का मामला दर्ज किया। इस मामले को ट्रायल चल रहा था और ट्रायल कोर्ट ने पंच को खत्म कर दिया। महिला ने फिर ट्रायल कोर्ट के जजमेंट को हाई कोर्ट में चुनौती दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें इस पूरे मामले में महिला का विरोध कहीं दिखाई नहीं दिया। महिला को जब पता चला था रिश्ता टूटा हुआ है ऐसे में उसका विवाह नहीं हो सकता तो फिर भी उसके साथ संबंध बनाए रखें। इसके बाद उच्च न्यायालय ने पीड़िता की याचिका को खारिज करने का फैसला सुनाया।
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