कोचर की तरफ से पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि सीबीआई ने अपनी गिरफ्तारी से पहले किसी पूर्व अनुमति नहीं ली, जो कानून के तहत जरूरी है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात कोचर द्वैतवादी रूप से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय का रूख किया और ऋण धोखाधड़ी मामले में सेंट्रल पुश ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया। हालांकि, अदालत ने मामले में शिकायत सुनवाई से इनकार करते हुए कोचर युगल को निर्देशित किया कि दाखिले के बाद जब नियमित पीठ काम शुरू कर दें, तो वे उसका अलग मामला का उल्लेख करेंगे।
कोचर की तरफ से पक्ष रख रहे वकील ने कहा कि सीबीआई ने अपनी गिरफ्तारी से पहले किसी पूर्व अनुमति नहीं ली, जो कानून के तहत जरूरी है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार रात कोचर द्वैतवादी रूप से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। आरोप लगाया कि उन्होंने जवाब देने में तलमटोल की और जांच में सहयोग नहीं किया। वहीं, मुंबई की एक अदालत ने मंगलवार कोचंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर एवं वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को ऋण धोखाधड़ी मामले में सीबीआई की हिरासत में विशेष नजरिया और मानदंड का उपयोग करने की अनुमति दी।
एक दिन पहले ही, सेंट्रल स्टैच्यू ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने ऋण धोखाधड़ी के मामले में तीनों को 28 दिसंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। सीबीआई ने शुक्रवार की रात कोचर को गिरफ्तार किया था। धूत (71) को सोमवार की सुबह गिरफ्तार किया गया। अदालत ने मंगलवार को उन्हें घर का खाना और दवा देने की भी अनुमति दी। कोचर और धूत ने आपके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए एक कुर्सी, विशेष दृष्टि, दृष्टिकोण, तकिए, सदस्यता और धारणा का उपयोग करने के लिए कहा। अदालत ने उन्हें इन चीजों पर खर्च करने की अनुमति दी।
अदालत ने उन्हें पूरी तरह से हर दिन एक घंटे तक पूछताछ करने की अनुमति दी। अदालत ने इस दौरान कहा कि सीबीआई अदालत की आवश्यकताएं पर धूत को जुलिन लेने में मदद के लिए एक सहायक को प्रदान करती हैं। सीबीआई कोचर युगल और वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (विशेषपीएल), वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित परिदृश्य और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत 2019 में प्राथमिकी में गड़बड़ी दर्ज की गई है।
एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन ग्रुप की प्राधिकरण को प्रतिभूति अधिनियम, प्राधिकरण के कब्जे और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी की गारंटी ली थी। जांच एजेंसी ने 71 साल धूत को सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली मंजूरी समिति ने 2009 में लोकसेवक के रूप में अपनी आधिकारिक हैसियत का व्यसन करके बैंक के बारे में चेतावनी दी और गलत का उल्लंघन कर VIIEL को 300 करोड़ रुपये का प्रमाणन ऋण दिया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि कर्ज दिए जाने के अगले दिन धूत ने इस सूची के माध्यम से वीआईईएल से 64 करोड़ रुपये नारएल को स्थानांतरित कर दिए।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।