UNITED NEWS OF ASIA. रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में साल 2022 में मेडिकल काॅलेज की छात्राओं ने महिला आयोग से छेड़छाड़ व अश्लील हरकत की शिकायत की थी। इस मामले के अलावा अन्य प्रकरणों की सुनवाई के लिए बुधवार को महिला आयोग की टीम रायगढ़ पहुंची। इसमें उस बैच की छात्राओं से अलग कमरे में महिला आयोग की अध्यक्ष ने बयान लिया।
जिसमें छात्राओं ने किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं करने की बात कही। कलेक्ट्रेट के सृजन कक्ष में आयोग की सुनवाई 12 बजे से शुरू हुई। इसमें 25 शिकायतों को लेकर सुनवाई किया जाना था, लेकिन सबसे गंभीर मामला मेडिकल काॅलेज की छात्राओं के साथ छेड़छाड़ का था।
जिसमें साल 2022 में काॅलेज के एक डाॅक्टर के खिलाफ छात्राओं ने गुमनाम पत्र भेजकर छेड़छाड़ व अश्लील हरकत करने की शिकायत महिला आयोग में की थी। ऐसे में इस मामले को लेकर बैच की छात्राओं को भी बुलाया गया और आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक व आयोग की सदस्यों ने अलग से बंद कमरे में एक-एक कर उनसे पूछताछ किया। तब छात्राओं ने किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं करने की बात कही। ऐसे में इस मामले को छात्राओं के बयान के आधार पर समाप्त किया गया।
पहले भी आ चुकी आयोग की टीम बताया जा रहा है कि जब साल 2022 में शिकायत हुई थी, तो उस दौरान आयोग की टीम पहुंची थी और प्रारंभिक जांच कर वापस लौटी थी। इसके बाद इस मामले में आयोग को फीडबैक मिला कि छात्राओं पर दबाव डाला गया और कैरियर खत्म करने की धमकी दी गई। क्योंकि यहां प्रेक्टिकल की परीक्षा 60 प्रतिशत व 40 लिखित की होती है। ऐसे में दोबारा इस प्रकरण को रखा गया था। जहां फिर से छात्राओं से पूछा गया, पर सभी ने शिकायत नहीं करने की बात कही। हालंाकि बताया जा रहा है कि पारिवारिक कारणों की वजह से आज उस बैच की 7 छात्राएं अनुपस्थित रही।
प्रकरण को समाप्त किया गया इस संबंध में महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने बताया कि मेडिकल काॅलेज के छेड़छाड़ वाले प्रकरण में छात्राओं से बंद कमरे में अलग अलग पूछताछ करने पर उन्होंने शिकायत नहीं करने की बात कही है। ऐसे में इस मामले को समाप्त किया गया है, लेकिन मेडिकल काॅलेज में आंतरिक परिवाद समिति के गठन का डिस्प्ले नहीं है। ऐसे में डीपीओ को कहा गया है कि आकस्मिक जांच किया जाए और डिस्प्ले नहीं होने की स्थिति में कलेक्टर के माध्यम से जुर्माना कराया जाए।