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अध्यक्ष द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए

द्रौपदी मुर्मू

प्रतिरूप फोटो

एएनआई

राष्ट्रपति ने कहा कि अगर शुरू से ही नैतिक शिक्षा दी जाएगी तो इससे एक अच्छा समाज बनने में मदद मिलेगी। वह एक छात्र के इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि नैतिक मूल्यों के अध्ययन के अभाव में समाज में दुर्घटना घटित हो रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने के लिए उन्हें नैतिक शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण होना चाहिए। मुर्मू यहां ‘आजादी अमृत का महोत्सव’ के तहत आयोजित एक समारोह में केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी के छात्रों और आवेदकों के सदस्यों को संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि माता-पिता भी बच्चों की प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर उनकी किताबों में पढ़ने वाले पाठ्यक्रम पर ही ध्यान दें। उन्होंने कहा, मैं हर जगह कहता हूं कि नैतिक शिक्षा को हमारे पाठ्यक्रम, हमारी प्रणाली में जोड़ा जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि अगर शुरू से ही नैतिक शिक्षा दी जाएगी तो इससे एक अच्छा समाज बनने में मदद मिलेगी। वह एक छात्र के इस प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि नैतिक मूल्यों के अध्ययन के अभाव में समाज में दुर्घटना घटित हो रही है। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने से महत्वपूर्ण सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा केंद्रित शिक्षा प्रणाली का निर्माण होगा।

उन्होंने कहा कि यह बदलाव न केवल छात्रों को व्यक्तिगत रूप से मिलेगा, बल्कि राष्ट्र की समग्र प्रगति और विकास में भी योगदान देगा। पढ़ने के महत्व पर ज़ोर देते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि पढ़ने की आदत आत्म-विकास सबसे प्रभावी रूप से एक है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा प्रयास है जो जीवन भर छात्रों की मदद करेगा। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी किशन रैंडी, लेखापरीक्षक तमिलिसाई सौंदरराजन और अन्य लोग उपस्थित थे।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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