
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा, कबीरधाम जिले के लालपुरलकला में साधराम यादव हत्याकांड की जांच NIA को सौंपी जाएगी। सीएम विष्णु देव साय ने साधराम यादव के परिजन से मुलाकात के बाद ये ऐलान किया है। 21 जनवरी को साधराम की गला रेत कर हत्या हुई थी। मामले में नाबालिग समेत 6 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजन ने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी, इसलिए हमने ये फैसला किया है। आपको बता दें कि साधराम यादव की हत्या के बाद बुलडोजर चलाकर आरोपियों के अवैध कब्जों को गिराया भी जा चुका
परिजन ने की थी CM साय से जांच की मांग
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बीजेपी प्रदेश कार्यालय में साधराम यादव के परिजन से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि साधराम के परिवारवाले चाहते थे कि हत्याकांड की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। इसीलिए हमने घटना की जांच NIA को सौंपेने का फैसला किया है। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।
21 जनवरी को हुई थी साधराम की हत्या
21 जनवरी को लालपुर कला में गौसेवक साधराम यादव की गला रेत कर हत्या हुई थी। पुलिस ने जांच के दौरान एक नाबालिग समेत आरोपी सूफियान, इदरिश, अयाज़, मेहताब वारदात को 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने की वजह से करना पाया गया।
पुलिस की जांच में एक आरोपी के कश्मीर में संदिग्ध अलगाववादियों से संपर्क के सबूत भी मिले हैं। पुलिस ने आरोपियों में एक के कश्मीर कनेक्शन की वजह से इसे आतंकवादी घटना के तौर पर रिकॉर्ड में लिया। यही वजह है कि 17 फरवरी 2024 को UAPA की धारा 16 जोड़ी गई।
UAPA से NIA को जांच का अधिकार
17 फरवरी को UAPA ( (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम)) की धारा 16 जोड़ने के बाद से ही संभावना थी कि जांच में NIA शामिल हो सकती है। जिन शेड्यूल ऑफेंस वाले मामलों की वजह से NIA को जांच का सीधा अधिकार मिल जाता है उनमें UAPA की धाराएं शामिल हैं।
घटना की जितनी निंदा की जाए कम है
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि साधराम की बेरहमी से हत्या की गई। मृतक से कोई दुश्मनी नहीं थी फिर भी आरोपियों ने गला रेत कर उसकी हत्या कर दी। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। मृतक के तीनों भाई और उनकी धर्मपत्नी न्याय मांगने के लिए आए हैं।
दोषियों को कड़ी सजा मिले इसलिए NIA जांच
सीएम साय ने कहा कि घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके इसलिए इसे NIA को सौंपने का फैसला किया। NIA को जांच सौंपने से घटना की बारीकी से जांच होगी। हमें लगता है कि यह किसी व्यक्ति की नहीं बल्कि विचारधारा की हत्या है।
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री के साथ मैराथन बैठक के बाद NIA से जांच कराने का फैसला लिया है। झीरम केस के बाद छत्तीसगढ़ में ये दूसरा मामला है जिसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA करेगी।