
UNITED NEWS OF ASIA. रूपेश साहू, मैनपुर (गरियाबंद) | तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 40 किलो मीटर दुर ग्राम पंचायत इंदागांव में पंचायत फंड से चबूतरा निर्माण के नाम पर निकाले गए ₹1 लाख की अनियमितता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि भुगतान तो हो गया, लेकिन चबूतरा कभी बना ही नहीं। इस घोटाले की शिकायत होने पर जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
इंदा गांव के निवासी सुरेश दांता (32) ने बताया कि पंचायत फंड से वर्ष 2023 में चबूतरा निर्माण के लिए धनराशि जारी की गई थी। सरकारी रिकॉर्ड में इस कार्य के लिए विजय ट्रेडर्स को ₹45,000, पंचायत के कंप्यूटर ऑपरेटर दामोदर नागेश को ₹48,000 और पूजा निषाद को ₹8,000 का भुगतान किया गया। लेकिन जब ग्रामीणों ने मौके पर जाकर देखा तो चबूतरा का कोई नामोनिशान नहीं था। इस पर उन्होंने पंचायत से जानकारी मांगी, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला।
शिकायत के बाद हरकत में आया प्रशासन
गांव के लोगों की शिकायत पर 28 फरवरी 2025 को सुरेश दांता ने जिला कलेक्टर को इस घोटाले की जानकारी दी। मामला सामने आते ही यह चर्चा का विषय बन गया। जैसे-जैसे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ा, प्रशासन ने इस पर संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए।
गांव पहुंची जांच टीम
आज जिला स्तरीय जांच दल इंदा गांव पहुंचा और मौके पर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत की और पंचायत दस्तावेजों की जांच शुरू की। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी हेराफेरी से विकास कार्यों में बाधा आ रही है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई की मांग
गांव के बुजुर्ग रामप्रसाद यादव ने बताया, “हमने कई बार सरपंच और पंचायत अधिकारियों से इस चबूतरे के बारे में पूछा, लेकिन हमें गोलमोल जवाब दिया जाता रहा। आखिरकार हमने जिला कलेक्टर से शिकायत करने का फैसला किया। अब हम दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।”
वहीं, महिला समिति की अध्यक्ष सरिता वर्मा ने कहा कि यदि समय रहते इस घोटाले पर कार्रवाई नहीं हुई तो आगे और भी भ्रष्टाचार होंगे। उन्होंने मांग की कि दोषियों से वसूली कर इस फंड को सही जगह इस्तेमाल किया जाए।
क्या होगी अगली कार्रवाई?
जांच दल ने अपनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। अब सभी की नजरें प्रशासन पर टिकी हैं कि क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस बार दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकारी धन का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।













