छत्तीसगढ़रायपुर

CG News : 2161 करोड़ के शराब घोटाले में कवासी लखमा के बेटे हरीश से ED की पूछताछ, घोटाले के बड़े राज खुलने की उम्मीद

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच तेज हो गई है। इस मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश लखमा से आज पूछताछ शुरू की गई। हरीश सुबह अपने वकील के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे, जहां अधिकारियों ने घोटाले से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाने के लिए उनसे सवाल-जवाब किए।

मामले में अब तक की कार्रवाई

15 जनवरी को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेज दिया, और अब उनकी अगली पेशी 5 फरवरी को होगी।

क्या है शराब घोटाले का मामला?

ईडी के अनुसार, 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में लाइसेंसी शराब दुकानों पर नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई। इस घोटाले से राज्य के राजस्व को 2161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

कैसे हुआ घोटाला?

  • होलोग्राम की हेराफेरी: नकली होलोग्राम लगाने के लिए नोएडा स्थित एक कंपनी PHSE को टेंडर दिया गया, जबकि यह कंपनी इसके लिए अयोग्य थी।
  • भारी कमीशन: टेंडर दिलाने के बदले घोटाले में शामिल अधिकारियों और नेताओं ने मोटा कमीशन लिया।
  • बड़े नामों का खुलासा: जांच में बिजनेसमैन अनवर ढेबर, CSMCL के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी, और अन्य अधिकारियों के नाम सामने आए।

कवासी लखमा पर आरोप

ईडी का दावा है कि कवासी लखमा को घोटाले से हर महीने प्रोसीड ऑफ क्राइम (POC) के रूप में कमीशन मिलता था। बीते साल दिसंबर में ईडी ने उनके रायपुर स्थित घर पर छापा मारा था, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए।

हरीश लखमा पर शक क्यों?

हरीश लखमा के घर और संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान ईडी को कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य मिले। अब उनसे पूछताछ के जरिए घोटाले की गहराई तक जाने की कोशिश की जा रही है।

विपक्ष का हमला

इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। विपक्ष का कहना है कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली की पोल खोलता है।

आगे की कार्रवाई

ईडी को उम्मीद है कि हरीश लखमा की पूछताछ से घोटाले से जुड़े और भी बड़े राज सामने आएंगे। इससे जुड़े अन्य नामों और पैसों के लेन-देन का भी खुलासा हो सकता है।

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page