UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। कोरोना के पहले दौर में तीन लोगों की मौत हुई थी। इनका शव रायपुर के मेकहारा अस्पताल में पड़ा रहा लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। मीडिया में खबरें आने के बाद इनका अंतिम संस्कार किया गया है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कोरोनाकाल की बुरी यादों को ताजा करने वाली तस्वीर सामने आई है। साढ़े 3 साल बाद कोरोना की वजह से हुई मौत के शवों का अंतिम संस्कार किया गया है। साल 2020 में कोरोना वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले तीन लोगों के शवों का करीबन 1000 दिन बाद अग्नि संस्कार किया गया है। इन शवों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि कंकाल में बदल गए थे। निधन के बाद परिवार के लोग शव लेने नहीं आए और विभाग रखकर भूल गया था।
- पीपीई किट में बंद था शव
पिछले लगभग साढ़े 3 साल से ये शव राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पीपीई किट में बंद थे। इन शवों की हालत इतनी खराब है कि इनके बारे में यह भी नहीं पता चल पाया कि आखिर ये शव किस लिंग के हैं।
- लवारिस पड़े थे शव के कंकाल
वहीं, जिन तीन शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, वह शव रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल (बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल) में लावारिस हालत में पड़े थे। इस अंतिम संस्कार के पीछे भी मीडिया ही वजह बताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मीडिया में खबर आने के बाद ही प्रशासन ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अंजाम दिया है। इससे पहले तक तीनों शव की हालत बद से बदतर हो चुकी थी।
- शवों का पीएम भी नहीं हुआ
कोरोनाकाल में मौत होने के कारण अब तक इन शवों का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया था, इस सवाल के जवाब में अधिकारियों ने बताया है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक थी लेकिन अनुमति नहीं मिली। जिसकी वजह से अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था।
- एक महिला का था शव कंकाल
अंतिम संस्कार करने के लिए जब इन शवों के पीपीई किट को खोला गया, तब इनके अंदर डली पर्ची से यह जानकारी सामने आई मृतकों में एक महिला थी। इसके बाद परिजनों की जानकारी एकत्र करके उन्हें सूचित किया गया। गुरुवार को परिजनों की सहमति के बाद स्थानीय शमशान घाट में तीनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
- इनके थे शव
वहीं, प्रशासन के मुताबिक जिन शवों का अंतिम संस्कार किया गया है, उनमें जवार सिंह, दुकलहीन बाई और पंकज सिंह है। जवार सिंह और दुकलहीन बाई की पहचान हो पाई है। हालांकि इनके परिजनों ने यह कह दिया कि हमने अंतिम संस्कार कर दिया है। ऐसे में सवाल है कि जिनका अंतिम संस्कार किया गया है, वह कौन हैं।