
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम जारी हो गए हैं। महासमुंद की महक अग्रवाल ने 97.40% के साथ 12वीं में टॉप किया है। इस बार के रिजल्ट में 80.74 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। 12वीं में 2 लाख 54 हजार 906 छात्रों ने परीक्षा दी है। बलौदाबाजार की कोपल अंबेस्ट दूसरे नंबर पर, बलौदा बाजार की ही प्रीति और जशपुर की आयुषी गुप्ता संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं।
नतीजे CGBSE की ऑफिशियल वेबसाइट results.cg.nic.in लिंक पर जारी किए गए हैं। इस पर स्टूडेंट्स रोल नंबर और डिटेल के साथ अपना रिजल्ट देख सकते हैं।
12वीं की परीक्षा 1 मार्च से 23 मार्च तक हुई थी। पिछले साल 12वीं में 79.96 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। इसमें 81.15% बालिकाएं और 77.03% बालक थे। 12वीं में 2022-23 में विधि ने टॉप किया था।
- 6 सालों में 12वीं का रिजल्ट-
वर्ष | 12वीं का रिजल्ट (प्रतिशत में) |
2019 | 78.44 |
2020 | 78.59 |
2021 | 97.43 |
2022 | 79.30 |
2023 | 79.96 |
2024 | 80.74 |
कोरोना की वजह से साल 2021 में 10वीं के रिजल्ट असाइनमेंट के आधार पर जारी किए गए थे। जबकि 12वीं का एग्जाम छात्रों ने घर से ऑनलाइन दिया था।
- दो दौर में हुआ कॉपियों का मूल्यांकन
कॉपियों का मूल्यांकन दो चरणों में शुरू हुआ था। पहले चरण में 23 मार्च और दूसरे चरण में 14 अप्रैल तक मूल्यांकन किया गया। कुल मिलाकर 36 केंद्र बनाए गए हैं। 32 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच का काम चल रहा है। मूल्यांकन में करीब 18 हजार शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी ।
- काउंसलर समस्याएं सुनकर दे रहे सलाह
परीक्षा शुरू होने से पहले छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से हेल्पलाइन शुरू की जाती है। हेल्पलाइन नंबर पर छात्र बोर्ड परीक्षा और उससे संबंधित समस्याओं पर बात करते हैं। विषय विशेषज्ञ, मनो-चिकित्सक और दूसरे अधिकारी छात्रों की समस्या सुनते हैं और उन्हें मार्गदर्शन देते हैं।
- छात्र-पालक हर रिजल्ट स्वीकार करें, ये आखिरी नहीं
10वीं, 12वीं के रिजल्ट के साथ ही सरकार का इस बार जोर बच्चों को किसी भी अप्रिय फैसला लेने से रोकने पर है। यही वजह है कि स्कूल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग 15 दिन पहले से अलर्ट पर है। भास्कर ने रिजल्ट के बाद खुदकुशी के डेटा का विश्लेषण किया। साथ ही रिजल्ट बिगड़ने पर होने वाली दिक्कतों को लेकर स्कूल शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से बात की।
अधिकारियों ने बताया कि पहली बार है जब बच्चों को तनाव से दूर रखने के लिए, रिजल्ट से पहले पीटीएम की जा रही है। इसका मकसद अभिभावकों को यह बताना है कि वे बच्चों रिजल्ट स्वीकार करें, क्योंकि ये आखिरी परीक्षा या रिजल्ट नहीं है।
- दूसरे बच्चों से तुलना न करें- एक्सपर्ट
जब रिजल्ट उम्मीद के मुताबिक नहीं आते तो बच्चे मानसिक तनाव में चले जाते हैं। कई बार पालक यह भी कहते हैं- हम सोच रहे थे, तुम टॉप करोगे। बच्चों के दिल दिमाग में यही बातें घर कर जाती हैं। फिर वे आत्महत्या जैसे कदम उठाते हैं। अभिभावकों को चाहिए कि वे रिजल्ट को स्वीकार करें।
अपने बच्चे तुलना दूसरे बच्चों से न करें। बच्चों के अंदर इस दौरान होने वाले बदलावों को पहचानें। उन्हें समय दें। सपोर्ट दें। जरूरत पड़े तो काउंसिलिंग करवाएं।
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