














UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन में गड़बड़ी को लेकर सदन में हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रोजेक्ट में जमीनों की अफरा-तफरी का आरोप लगाते हुए मामले की जांच सदन की समिति से कराने की मांग की। इस पर मंत्री टंकराम वर्मा के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन की स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि अब तक इस परियोजना की कितनी प्रगति हुई है और लंबित प्रकरणों का क्या स्टेटस है? इस पर मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि परियोजना का 80% कार्य पूरा हो चुका है और 23 प्रकरण अलग-अलग कारणों से लंबित हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि भू-अर्जन में गड़बड़ी की जा रही है और इसकी जांच सदन की समिति से कराई जानी चाहिए। भूपेश ने कहा,
“भू-अर्जन में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। इसमें बड़े अधिकारियों की संलिप्तता हो सकती है। इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।”
मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि इस मामले की विभागीय जांच कराई जाएगी। इस पर भूपेश बघेल ने जोर देकर कहा कि विभागीय नहीं बल्कि सदन की समिति से जांच होनी चाहिए।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने हंगामा करते हुए नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।
इस मुद्दे पर सदन में गहमागहमी बनी रही और विपक्ष ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो वे इसे सदन के बाहर भी मुद्दा बनाएंगे।
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