
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां एक्शन मोड में आ गई हैं। जांच को तेजी से आगे बढ़ाते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने दक्षिण कश्मीर से 250 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इनसे आतंकियों को स्थानीय स्तर पर मिली मदद के बारे में पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, हमले में शामिल पाकिस्तानी आतंकियों को स्थानीय आतंकवादियों और नागरिकों का सहयोग प्राप्त था। इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है।
सरकार अलर्ट मोड पर, तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार उच्च स्तरीय बैठकों में सुरक्षा हालात की समीक्षा कर रहे हैं। तीनों सेनाओं को अलर्ट मोड में रखा गया है और एलओसी के साथ-साथ घाटी के भीतर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
CCS बैठक आज शाम 6 बजे
दिल्ली में आज शाम 6 बजे कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई है। इसमें गृह मंत्री अमित शाह हमले की मौजूदा स्थिति और अब तक की कार्रवाई की जानकारी देंगे। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, एनएसए अजीत डोभाल और सेना के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे।
जम्मू-कश्मीर सरकार का मुआवजा ऐलान
जम्मू-कश्मीर सरकार ने हमले में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये, और अन्य घायलों को 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले के मद्देनज़र आज शाम 6 बजे श्रीनगर में कैबिनेट बैठक बुलाई है।
अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला, 26 की मौत
मंगलवार को हुए इस भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई, जबकि 20 से अधिक घायल हुए हैं। मृतकों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा और मध्य प्रदेश के पर्यटक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल और UAE के दो विदेशी नागरिक तथा दो स्थानीय लोग भी मारे गए। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।



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