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असमान स्तन के आकार के कारण,-वक्षस्थ स्तन आकार के कारण

कर्मी हमेशा अपनी छवि और सुरक्षा को लेकर सतर्क रहते हैं। अपनी बॉडी शेप को बनाए रखने के लिए योग से लेकर हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज (हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज) तक अपने रूटीन में शामिल करता है। बावजूद इसके बहुत सी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके स्तन हमेशा आकार में पाए जाते हैं। ऑक्सफ़ोर्ड अकादमी के अनुसार अनईवन ब्रेस्ट के कारण महिलाएँ स्वयं कॉशियस महसूस करने लगती हैं। ज्यादातर लड़कियों में 8 से 13 साल की उम्र में ब्रेस्ट डेवलपमेंट लगता है। क्रेडिट डिस्टर्बेंस ब्रेस्ट एसिमिट्री (स्तन विषमता) का एक कारण हो सकता है। शारीरिक विकास के दौरान सही अनुपात या उचित वातावरण और हार्मोन संबंधी असंतुलन के कारण इस समस्या का शिकार हो सकते हैं।

दोनों स्तनों में क्यों पाई जाती है

इस बारे में सर्वेशॉट्स की टीम से बातचीत में ओबीजीवाई कंसल्टेंट, मणिपाल अस्पताल, सत्यदी पुणे, डॉरूशेल निखिल जाधव ने ब्रेस्ट साइज को लेकर कई तथ्यों की जानकारी दी। उनके अनुसार ब्रेस्ट का आकार एक से अलग होना पूरी तरह से सामान्य है। ये किसी तरह की बीमारी या शारीरिक अस्वास्थ्यकरता नहीं है। अगर मेडिकल एग्ज़ामिन करने के दौरान ब्रेस्ट में किसी तरह की कोई किंक नहीं है और कोई सूजन व दर्द महसू नहीं होती, तो ये हमेशा नॉर्मल कहलाती है।

क्रेडिट डिस्टर्बेंस ब्रेस्ट असिमित्री का एक कारण हो सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

दरअसल, बढ़ती उम्र में एक ब्रेस्ट दूसरी की तुलना में जब जल्दी डवलप होने लगता है, तो ऐसी सूरत में दोनों के आकार में सामान्य सा अंतर दिखता है। ये अंतर पूरी तरह से सामान्य माना जाता है। विशेषज्ञ के अनुसार स्तनपान के दौरान जब बच्चा स्तनपान करता है, तो वह भी बच्चा एक स्तन से दूध पीने लगता है। उस वक्त दोनों स्तनों में एक अंतर दृष्टि दिखाई देती है। ये कोई समस्या नहीं बल्कि एक संबद्ध प्रोटोकॉल है।

दोनों ब्रेस्ट के आकार में पाए जाने वाले अंतर के कुछ कारण नीचे दिए गए हैं

1. हार्मोनिक बदलाव

युवावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल बदलाव ब्रेस्ट आकार में हमेशा से ही शरीर सिद्ध होते रहते हैं। दरअसल, कई बार एक स्तन दूसरे से पहले जब बढ़ना शुरू होता है, तो दोनों में अंतर देखने को मिलता है। इसके अलावा मीनोपॉज और प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव के कारण बड़े आकार में बदलाव नजर आता है। पोषाहार इसका प्रयोग करने से भी शरीर में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन दिखाई देते हैं।

2. ब्रॉडकास्टिंग

बच्चे के जन्म के बाद मां के स्तन में दूध गिरता है। बच्चा कई बार एक ही स्तन में दूध पीता है। ऐसे में दोनों स्तनों के आकार में अंतर महसूस किया जा सकता है। अगर आप ब्रेस्ट साइज को ऐसे समय में बराबर बनाना चाहती हैं, तो बच्चे को दोनों तरफ से स्तनपान नाकाम करने का प्रयास करें।

ब्रेस्ट फीडिंग के समय दोनो स्टैनो में अंतर पाया जाता है
स्तनपान के दौरान दोनों स्तनों का आकार हमेशा पाया जा सकता है। चित्र:शटरस्टॉक

3. ब्रेस्ट पर किंक या कैंसर

स्तन कैंसर की सूरत में जब स्तन पर किंक बनने लगती है, तो उस वक्त दोनों स्तनों के आकार में अंतर नज़र आता है। हर बार जरूरी नहीं कि कैंसर के कारण ही किंकियां हो जाती हैं। कई बार फाइब्रोसिस्टिक ब्रेस्ट होने के कारण भी सिस्ट दिखने लगते हैं। हैंलाकि इससे ब्रेस्ट पर किसी भी तरह का जोखिम नहीं होता है। फिर भी अगर आपको कोई परेशानी हो तो डॉक्टरी जांच जरूरी करवा लें।

4. मेंस्ट्रुअल साइकिल

पीरियड्स के दौरान स्तन के टीशूज में बदलाव नजर आते हैं। ऐसे में स्तनों में होने वाला न्यूटर रिटेंशन और ब्लड फ्लॉन में अंतर पाया जाता है स्तन आकार के बढ़ने का कारण साबित होते हैं। इसलिए ही अवलोकन के दौरान जहां स्तन हैवी नजर आते हैं, वहीं मासिक धर्म के दौरान उनके आकार की तुलना में कम नजर आने लगती है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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