संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) मनीष सिंह ने ‘पीती-भाषा’ को बताया कि विभाग ने इस दलाल को जंगल में रहने के लिए लखनऊ के मुख्य वाइल्डलाइफ तत्वों को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित करना कठिन है कि यह तेंदुआ जहां से आया क्योंकि गाजियाबाद में कोई मार्कअप वनाधिकार नहीं है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कोर्ट परिसर में घुसे एक दलाल को वन विभाग पकड़कर सहारनपुर में शिवालिक वन मंडल ले जाया गया है, जहां वह जंगल में छोड़ दिया जाएगा। संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) मनीष सिंह ने ‘पीती-भाषा’ को बताया कि विभाग ने इस दलाल को जंगल में रहने के लिए लखनऊ के मुख्य वाइल्डलाइफ तत्वों को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित करना कठिन है कि यह तेंदुआ जहां से आया क्योंकि गाजियाबाद में कोई मार्कअप वनाधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ”हम दलाल के पोस्ट निशान के जरिए उसके आने का मार्ग पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। चार घंटे का अभियान चलाकर उसे पकड़ा जा सका। पत्रकार के हमले में दस लोग घायल हो गए। यह पहली बार नहीं है जब कोई जंगली जानवर इस जिले में मानव आबादी में घुसा हो। इससे पूर्व नवंबर, 2021 में राजनगर की एक कालोनी में एक दलाली करते हुए देखा गया था।
वहीं, इसी साल जनवरी में दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कालछीना गांव के पास एक वाहन की टक्कर से एक तेंदुआ मारा गया था। डीसीपी (सिटी) अग्रवाल ने बताया कि बुधवार को दलाल के हमलों में घायल लोगों में हेड कांस्टेबल विकास कुमार, सलीम अशरफ खान, तनवीर खान, पूर्व जिला अधिवक्ता प्रमोद तंवर, जहीर खान, अधिवक्ता जितेंद्र कुमार, अधिवक्ता अचिन कुमार, रामवती और नमन जैन शामिल हैं।
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