बैंक ने दावा किया है कि योजना के तहत संजय दत्त और बिपाशा बसु स्टारर ये फिल्म 2009 में रिलीज होने वाली थी, लेकिन बैंकर्स और एजिबिटर्स के बीच विवाद के कारण इसकी रिलीज अटक गई। इसके बाद 30 सितंबर 2009 को यह अकाउंट नॉन परफॉर्मिंग असेट बन गया। बैंक ने जीएसईपीएल, पीवीआर और प्राइवेट बैंकों के बीच तीन गोलाकार एकॉर्ड के लिए दुनिया भर में फिल्म रिलीज करने के लिए पीवीआर को डिस्ट्रीब्यूटर अपॉइंट किया। साथ ही पीवीआर से ये कमिटमेंट लिया कि वो पोस्ट-प्रोडक्शन के काम के लिए 8 करोड़ रुपये इन्वेस्ट करेगा।
बैंक ने हेरफेर के आरोप
अब बैंक का आरोप है कि पीवीआर अपनी प्रतिबद्धता पर दुर्घटना में गिरने में असफल रहा। उसे लगभग 83.89 लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। क्योंकि कंपनी की कुल कमाई 7.41 करोड़ रुपये ही पाई गई जबकि इसे प्रमोशन और डिस्ट्रिब्यूशन पर 8.25 करोड़ रुपये खर्च किया गया था। बैंक का आरोप है कि एक फॉरेंसिक ट्वीट से पता चला कि कंपनी ने एक ‘फर्जी उपयोग प्रमाण पत्र’ जमा किया, बैंक के फंड को डायवर्ट किया और अकाउंट बुक्स में हेरफेर किया।
बंटी वालिया की कंपनी पर मामले
उन्होंने जीएसईपीएल पर जालसाजी, जालसाजी, रिकॉर्ड में हेरफेर, सार्वजनिक धन की हेराफेरी, गलत धारणाओं और विश्वास के अपराध उल्लंघन के आरोप लगाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप लोन को लेकर धोखाधड़ी की घोषणा की गई। सीबीआई ने मामले में वालिया, जीसपीएल और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का आपराधिक मामला, धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं के साथ-साथ भ्रष्टाचार को रोकने के अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है।