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कैंडिडा आरिस फंगस अमेरिका के असंबद्धता में फैल रहा है

वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के एवं फिजिशियन (चिकित्सक) आरिफ आर. सरवरी ने कैंडिडा आरिस के बारे में बताया कि यह किस तरह से फैल रहा है और अमेरिका में लोग इससे कैसे चिंतित हैं।

मॉर्गनटाउन। मार्च 2023 में अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम की घटना ने तेजी से फैलते ‘कैंडिडा औरिस’ नाम के फंगस को लेकर अलर्ट दिया था, जिसकी वजह से देश में रोगी सामने आ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है। अमेरिका में इस फंगस से होने वाले संक्रमण में वृद्धि देखी गई है। वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के एवं फिजिशियन (चिकित्सक) आरिफ आर. सरवरी ने कैंडिडा आरिस के बारे में बताया कि यह किस तरह से फैल रहा है और अमेरिका में लोग इससे कैसे चिंतित हैं। कैंडिडा औरिस की पहचान हाल में हुई है जो एककोशिकीय फंगस है और यह पेज को चिन्हित कर सकता है और यह फंगस प्रतिरोधी औषधियों के प्रति मध्यम रूप से कटिबद्ध है। अन्य फंगस से संक्रमण की तुलना में कैंडिडा और संक्रमण अधिक खतरनाक है।

कैंडिडा औरिस एक प्रकार का ‘यीस्ट’ है जिसकी सबसे पहली पहचान 2009 में हुई थी और यह कैंडिडा परिवार की कई विशेषताओं में से एक है जो लोगों को पहचान सकता है। स्वस्थ लोगों को कैंडिडा के संक्रमण से संवेदनशील होने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रसित और संबंधित गहन चिकित्सा इकाइयों में भर्ती रोगियों को कैंडिडा और से होने का जोखिम अधिक होता है। हाल के वर्षों में अमेरिका में फंगस, विशेष रूप से कैंडिडा और से संक्रमण के मामले सामने आए हैं। सीडीसी के मुताबिक साल 2013 से 2016 के बीच इसके कुछ मामले सामने आए लेकिन 2017 में इसके मामले तेजी से और 2022 में इसके 2,377 मामले दर्ज हुए। कैंडिडा औरिस के संक्रमण से मौत के मामले भी होते हैं।

2018 में जहां संक्रमण से 1,010 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2021 में यह संख्या बढ़कर 1,800 हो गई। इस वृद्धि के कारण जटिल हैं, लेकिन सरवरी के अनुसार इसके दो मुख्य कारण हो सकते हैं: पहली बीमारी में बीमार लोगों की भरती होने की संख्या में हैं और स्वास्थ्य प्रणाली पर तब वृद्धि हो रही है, दोनों ही COVID-19 महामारी के दौरान और भी खराब हो गए थे । कार्य के अनुसार, इस से बचने के कुछ प्रमुख उपाय हैं। ये सबसे प्रभावी उपाय संक्रमण से बचाव से जुड़े भागीदारों को अपनाना यानी किसी मरीज से मिलने से पहले और बाद में हाथों को अच्छे से साफ करना, मरीज से मिलने के दौरान पहने हुए परिधानों और दस्तानों को नष्ट करना और अन्य सतर्कता के उपाय शामिल हैं। हालांकि ये छोटे छोटे कदम न सिर्फ फंगस बल्कि दूसरे रोगाणुओं पर भी असरदार होते हैं। दूसरा विकल्प है कि कैंडिडा के नए एंटीफंगल-प्रतिरोधी स्वरूपों के इलाज के लिए बेहतर दवाएं विकसित की जाएं। हालांकि कई नई एंटिफंगल दवाओं के विकास पर काम जारी है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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