उत्तराखंड के नैनीताल जिले में तल्लीताल क्षेत्र में ठंड से बचने के लिए आग से जल रही जलजमाव से ठंड वाली गैस से बेहोशी हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग तुरंत ही जोड़े को लेकर शादीशुदा अस्पताल पहुंचे। लेकिन, उपचार के दौरान महिला के गर्भ में पल रहे आठ महीने के शिशु की मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक अंगीठी ने निकली गैस से बच्चे की जान ले ली है।
बीते शनिवार को प्रेग्नेंसी दीपिका को अपने पति की रोशनी के साथ ठंड से बचने को अंगीठी जलाकर ताप रही थी। इस दौरान अंगीठी से निकली गैस का असर होने से दोनों बेहोश हो गए। इसकी जानकारी मिलने पर आसपास के लोग दोनों को बीडी पांडे अस्पताल ले गए। यहां उन्हें भर्ती कर लिया गया है।
डॉक्टर के मुताबिक, अंगीठी से आग तापते समय उससे निकली गैस से मां बेहोश हो गई। इसका असर उसके पेट में पल रहे बच्चे पर भी हुआ जिससे बच्चे की मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि जलती अंगीठी को कमरे में बंद नहीं रखना चाहिए। कहा कि अंगीठी की जहरीली होती है।
बीडी पांडे अस्पताल, नैनीताल के सीएमओ, डॉ. एलएमएस रावत ने बताया कि अंगीकी गैस बनने से महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई है। बताया कि मां का इलाज चल रहा है, जबकि उसके पति को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। डॉ. रावत ने लोगों से अपील की है कि बंद कमरे में अंगीठी का ज्यादा इस्तेमाल करने से बचें। अंगीठी का जहरीला होता है, और इससे बेहोशी होने के बाद मृत्यु भी हो सकती है।