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एएनआई
भारत ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात द्वेष पर बने बीबीसी के वृतचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, फेयरता की कमी और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से झलकती है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि ने बीबीसी के संवादात्मक दस्तावेज़ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बचाव में उतरे हैं। बीबीसी के वीडियोग्राफ में दावा किया गया है कि 2002 के गुजरात दंगों में भारतीय नेता की कथित भूमिका के बारे में ब्रिटिश सरकार को पता चला था। भारत ने वर्ष 2002 में हुए गुजरात द्वेष पर बने बीबीसी के वृतचित्र को ‘दुष्प्रचार का एक हिस्सा’ करार देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें पूर्वाग्रह, फेयरता की कमी और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से झलकती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बीबीसी के इस वृतचित्र पर नई दिल्ली में केजरीवाल के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक विशेष ‘गलत आख्यान’ को आगे बढ़ाने के लिए दुष्प्रचार का एक हिस्सा है। यह पूछे जाने पर कि बीबीसी के दस्तावेज़ में वह क्या कई तरह से सहमत हैं कि ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के कुछ राजनयिक थे कि ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे सीधे तौर पर जिम्मेदार थे” तो उन्होंने कहा कि विपक्षी लेबर पार्टी पाकिस्तान के सांसद मूल के इमरान हुसैन प्रधानमंत्री मोदी के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। आरोपित है कि यह वर्टचित्र गुजरात में दहाड़ता है जब नरेंद्र मोदी राज्य के नंबर थे। सुनक ने कहा, ”इस संबंध में ब्रिटिश सरकार की स्थिति स्पष्ट है, और यह बिल्कुल भी नहीं बदली है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।
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