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बृजमोहन अग्रवाल ने दिया इस्तीफा : विधानसभा स्पीकर रमन सिंह को बृजमोहन ने विधायक पद का सौपा इस्तीफा; फिलहाल मंत्री बने रहेंगे

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर।  छत्तीसगढ़ के सबसे वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस्तीफा दे दिया है। वो प्रदेश में 8 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। लोकसभा चुनाव में बृजमोहन को भाजपा ने सांसद का चुनाव लड़ाया। वो जीत चुके हैं। नियमों के तहत वो एक ही पद पर रह सकते हैं। इसी वजह से इस्तीफा दे दिया है।

24 जून से संसद के नए सत्र में शामिल होने बृजमोहन अग्रवाल दिल्ली जाएंगे। इससे पहले मीडिया से इस्तीफे को लेकर बृजमोहन ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व में सांसद का चुनाव लड़वाया है, तो सोच समझकर लड़ाया होगा। मुख्यमंत्री के अधिकारों में है कि वह वो 6 महीने तक मंत्री रख सकते हैं। यह कहकर बृजमोहन ने मंत्री पद पर बने रहने की अपनी इच्छा जता दी है।

  • रायपुर दक्षिण सीट खाली

इस्तीफा देने के बाद ये रायपुर दक्षिण सीट खाली हो गई है। चर्चा है कि प्रदेश में साल के अंत में नगरीय निकाय के साथ-साथ विधानसभा उप चुनाव भी हो सकते हैं। ऐसे में अभी से ही बड़ी संख्या में बीजेपी-कांग्रेस के नेता अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ बनने के बाद से ही रायपुर दक्षिण में बृजमोहन अग्रवाल का एकछत्र राज रहा है। उनके रहते यहां से किसी और को कभी भाजपा से टिकट मिला ही नहीं। पहली बार उनके सांसद बनने के कारण अब दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं।

  • बृजमोहन का राजनीतिक सफर

1977: ABVP का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्र नेता के रूप में राजनीति में प्रवेश किया।
1981-82:
अध्यक्ष, छात्र संघ, दुर्गा महाविद्यालय रायपुर, मुख्य सलाहकार, विश्वविद्यालय छात्र संघ, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर।
1982:
अध्यक्ष, छात्र संघ, कल्याण महाविद्यालय, भिलाई।
1986:
प्रदेश मंत्री और उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा।
1990:
मध्य प्रदेश विधान सभा के निर्वाचित सदस्य (उस समय के सबसे कम उम्र के विधायक) (वोट मार्जिन – 2628); राज्य मंत्री स्थानीय प्रशासन, पर्यटन एवं संस्कृति तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी स्वतंत्र प्रभार।
1991-94:
प्रदेश महामंत्री, भारतीय जनता युवा मोर्चा 1993: दूसरी बार विधायक चुने गए (वोट मार्जिन – 11570); सदस्य, विशेष अधिकार, प्रश्नोत्तरी और सरकारी आश्वासन के लिए मध्य प्रदेश विधायी समिति।
1997: अविभाजित मध्य प्रदेश की विधान सभा में सर्वश्रेष्ठ विधायक के रूप में सम्मानित।
1998: तीसरी बार विधायक चुने गए; (वोट मार्जिन – 13218), मुख्य सचेतक, बीजेपी विधायक दल, बीजेपी राज्य कार्य समिति, सदस्य, मप्र विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम समिति, सदस्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी, भारतीय जनता युवा मोर्चा।
2000: सदस्य, लोक लेखा समिति और सदस्य, छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति।
2003: लगातार चौथी बार विधायक निर्वाचित (छत्तीसगढ़ राज्य में पहला चुनाव) (वोट मार्जिन – 25974) मंत्री – गृह, जेल, संस्कृति और पर्यटन।
2005: कैबिनेट मंत्री, राजस्व, संस्कृति और पर्यटन, कानून और पुनर्वास।
2006: वन, खेल और युवा मामलों के अतिरिक्त प्रभार के साथ कैबिनेट मंत्री।
2008: लगातार 5वीं बार विधायक निर्वाचित (वोट मार्जिन – 24934), कैबिनेट मंत्री, स्कूल शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, संसदीय कार्य, पर्यटन और बंदोबस्ती ट्रस्ट संस्कृति।
2013: लगातार छठी बार विधायक चुने गए (वोट मार्जिन – 34799) कैबिनेट मंत्री, कृषि, पशुपालन, मछली पालन, जल संसाधन, धार्मिक ट्रस्ट और बंदोबस्ती 2013: साक्षर भारत पुरस्कार।
2013: धान की अच्छी पैदावार के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार 2014: राज्य में अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए केंद्र सरकार से कृषि कर्मण पुरस्कार।
2015: व्यक्तिगत फसलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण अवॉर्ड।
2016: दालों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल करने के लिए राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार।
2017: राष्ट्रीय कृषि कर्मण पुरस्कार, कृषि नेतृत्व पुरस्कार।
2018: मंत्री रहते हुए खाद्यान्न उत्पादन के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार।
2018 में विधानसभा चुनाव जीता।
2023 में एक बार फिर चुनाव जीतकर मंत्री बने।

 


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