क्राइमदुर्ग-भिलाई

गांजा तस्करों को संरक्षण देने पहुंचे पुलिस विभाग के घूसखोर कर्मचारी, महिला पत्रकारों से बदसलूकी

दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सक्त निर्देश नशा बंदी का अनदेखा कर रही नंदनी थाना पुलिस घर घर थोड़े दुर में 50 से 60 किलो प्रत्येक 5 घर छोड़ कर रहे तस्करों के साथ गांजा बिक्री का सीधा साठ गांठ बताया।

तस्करों को छोड़ कर कवरेज करने गई मीडिया टीम की ही पुलिस कर्मी ले रहे थे तलाशी। जब बात नही बनी तो गुटखे के पैकेट में गांजा भर कर फसाने का प्रयास किया। जब टीम ने ये देख लिया और  पूछा कि इसमें क्या है तो भाग निकले 112 के कर्मचारी ये पुलिस कर्मचारी अवैध गतिविधियों को नियंत्रण में अपराधियों का साथ देने उसके बुलावे पर मात्र 2 से 3 मिनट मे पहुच गई और खबर न बने इसका फुलजोर प्रयास किया।

गांव के लोगों ने पत्रकार के सामने बताया कि गांजा पीने से परिवार हो रहा पागल गांजा घर घर तस्कर कहते है की ऊपर ऊपर अधिकारी को जाता है बड़ी रकम पत्रकारों के विरोध पर फिल्म जैसा सीन बनाते दिखे पुलिस कर्मी गांजा तस्कर पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रखने का प्लान बना लिया पर इस वांटेट फिल्म में महिला पत्रकार निकली।

नंदनी थाना क्षेत्र में लगातार आ रही शिकायत से पड़ताल करने पहुंची हमारी टीम ने जब वहां पर स्थानीय निवासियों से बात की तस्करों का आरोप है कि बड़े बड़े अधिकारियों तक मोटी रकम जाती है इसलिए वो किसी भी कार्यवाही से नही डरते

गांजा तस्करों का दहशत इतना था कि कोई भी कैमरे के सामने आकर खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं था लेकिन ऑफ कैमरा सभी बहुत कुछ बोल रहे थे जो कि हमने रिकॉर्ड किया।

कहीं ना कहीं गांजा तस्करों को ना ही पुलिस का खौफ है और ना ही किसी का खुलेआम गांजा शराब नंदनी रोड में, बाजार में और भी 4 से 5 जगह बिकता है।

महिला पत्रकारों की टीम जब इस पर खबर बनाने के लिए वहां कवरेज के लिए पहुंची और वीडियो बनाकर वहां से निकल ही रही थी तभी 2 से 3 मिनट के अंदर 112 वहां पर पहुंची तस्करों ने अपने सांठगांठ वाली पुलिस कर्मियों को सूचित किया।

तस्करों ने उन्हें पहले से ही बताया कि पत्रकारों की टीम ने किसी से गांजा खरीद वाया है और वह रिकॉर्ड कर चुके हैं इसलिए 112 की टीम सीधे आई और‌ महिला पत्रकार की गाड़ी की चाबी छीनने में लगे महिला पत्रकार ने जैसे तैसे अपनी चाबी संभाली और फिर ऑन कैमरा गाड़ी चेक करवाने की बात कही गांजा तस्करों के इशारों पर नाचने वाले यह घूसखोर पुलिस के कर्मचारी अपने साथ गुटके के पैकेट में गांजा भर कर लाए थे जिससे कि पत्रकारों को फसा सके। समाज को आईना दिखाने वाले पत्रकार जब अपना काम करने निकले तो ऐसे घूसखोर कर्मचारी उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं ताकि तस्करों का बचाव हो सके और समाज को इसकी भनक भी ना लगे कि नशे की आदत लगाकर वह किस तरीके से युवा पीढ़ी को नशे की ओर धकेल रहे हैं और इसमें ऐसे कर्मचारियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। इस पर दुर्ग पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा से जब बात की गई तो उन्होंने जांच का आश्वासन दिया और अपने विभाग की नाक बचाते हुए दिखे पत्रकारों को खबर बनाने जाने के लिए मना किया उन्होंने कहा कि पहले पुलिस को सूचना दी जाए उसके बाद आप लोग खबर बनाने जाए ताकि ऐसे घूसखोर कर्मचारियों तक पहले ही पता चल जाए कि यहां पर पुलिस की टीम या मीडिया की कोई टीम आने वाली है और तस्कर चौकन्ने होकर अपने माल को ठिकाने लगा सके।

लेकिन पुलिस को सूचित करने से पहले खबर की पुष्टि भी करना जरूरी था इसलिए पुलिस को सूचना देने से पहले खबर सही है या नही ये टीम ने जानने का प्रयास किया इससे पहले कि हम कुछ कर पाते तस्करों ने 112 को बुला लिया।

कार्यवाही का आश्वासन दिया गया देखते है कि आम जनता को कब तक जवाब मिल सकेगा या फिर नही।

 


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