कवर्धा। प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही एक बार फिर से किसानो का शोषण शुरू हो गया है और उनकी समस्याएं तथा परेशानियां बढऩे लगी है। कांग्रेस के शासनकाल में बीते पांच सालों तक समर्थन मूल्य में धान खरीदी किसानो की मंशा के अनुरूप निर्वाद्ध गति से की जा रही थी वह अब भाजपा के शासनकाल में अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और अफसरशाही भी भेंट चढ़ते दिखाई दे रही है। उक्त बातें कवर्धा कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवा साहू ने जारी बयान में कहीं। उन्होने कहा कि जिले के विकासखण्ड पंडरिया में ग्राम दामापुर के एक किसान से रिश्वत लेते कर्मचारी का विडियो वायरल होने का मामला सामने आया है। जिससे साफ है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार आते ही पुन: कर्मचारी और अधिकारियों ने किसानों का शोषण करना शुरू कर दिए हैं।
उन्होने कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए झूठ का सहारा लेती है और चुनाव जीतने के बाद अपनी असली रंग दिखाने लगती है। यही वजह है कि चुनाव के पूर्व किसानो से किया गया एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। श्री साहू ने कहा कि भाजपा अपने वायदे के अनुरूप किसानों से 31 सौ रुपए समर्थन मूल्य के हिसाब से धान खरीदी नही कर रही है, वर्ष 2017-18 का बोनस देने का वादा पूरा नहीं किया, छत्तीसगढ़ शासन के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने चुनाव से पूर्व किसानों से 2 लाख रुपए तक कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं किया जा रहा है। इसी तरह केंद्र सरकार भी खेती किसानी में उपयोगी खाद के दाम लगातार बढ़ा रही है।
प्रति बोरी 50 किलो के स्थान पर 40 किलो का बैग किसानो को दिया जा रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने 15 साल के बीजेपी शासनकाल में किसानों द्वारा कर्ज के कारण आत्महत्या की घटना को देखते हुए उसे रोकने के लिए किसान हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की थी। जिसमें किसानो का संपूर्ण कर्ज माफ़ी, 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी और मूल्य में भी बेहतर वृद्धि कर किसानों को खुशहाल जिंदगी प्रदान की थी।
परंतु वर्तमान की भाजपा सरकार के छल ने किसानो के मन में तनाव की स्थिति उत्पन्न कर दी है। श्री साहू ने बताया कि कुछ दिन पूर्व कर्ज के बोझ से दबे एक किसान ने अपने बेटे की शादी के दौरान ही आत्महत्या कर ली थरी। ऐसे में समझा जा सकता है कि किसानो की स्थिति दयनीय हो रही है। श्री साहू ने आरोप लगता है कि भाजपा अपने शासनकाल में भ्रष्टाचार और अफसरशाही को बढ़ावा देकर गांव, गरीब और किसानो का शोषण करती है।