UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र एवं कांग्रेस नेता हरीश लखमा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दोनों को शराब घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया है। यह कार्रवाई हाल ही में की गई छापेमारी के बाद हुई है।
क्या है मामला?
मामला छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हुए शराब घोटाले से जुड़ा है। कवासी लखमा, जो उस समय आबकारी मंत्री थे, और उनके पुत्र हरीश लखमा, जो वर्तमान में सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, को इस मामले में समन भेजा गया है। ईडी ने दोनों से पूछताछ के लिए जल्द पेश होने का निर्देश दिया है।
शराब घोटाले का दायरा:
सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला राज्य में शराब के व्यापार, वितरण और राजस्व में गड़बड़ी से संबंधित है। मामले की जांच में अब तक कई अहम दस्तावेज और साक्ष्य सामने आए हैं। ईडी को संदेह है कि घोटाले में सरकारी पदाधिकारियों और शराब माफियाओं के बीच सांठगांठ हो सकती है।
छापेमारी और जांच का विस्तार:
ईडी ने हाल ही में कवासी लखमा और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए। माना जा रहा है कि इन साक्ष्यों के आधार पर जांच एजेंसी बड़े खुलासे कर सकती है।
हरीश लखमा पर भी आरोप:
हरीश लखमा, जो कांग्रेस पार्टी के सक्रिय नेता हैं, पर इस घोटाले में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल होने का आरोप है। ईडी उनकी भूमिका की गहनता से जांच कर रही है।
आगे की कार्रवाई:
ईडी की टीम जल्द ही कवासी लखमा और हरीश लखमा से पूछताछ करेगी। इस मामले में और भी नाम उजागर हो सकते हैं। जांच एजेंसी ने संकेत दिया है कि इस घोटाले में कई अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता का खुलासा हो सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज:
इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। विपक्ष ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं, कांग्रेस ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि लखमा परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।
शराब घोटाले की यह जांच छत्तीसगढ़ में राजनीति और प्रशासन के भीतर गहराई तक फैले भ्रष्टाचार को उजागर कर सकती है। कवासी लखमा और हरीश लखमा से पूछताछ के बाद इस मामले में नए खुलासों की उम्मीद है।