
UNITED NEWS OF ASIA. रिजवान मेमन, नगरी (धमतरी) | प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय नगरी में संस्था के संस्थापक पिताश्री ब्रह्मा बाबा की 56 वीं पुण्य तिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गई। इस अवसर पर संस्थान की संचालिका ब्रह्माकुमारी भावना ने बताया कि संस्था के संस्थापक दादा लेखराज कृपलानी हीरे-जवाहरात के मशहूर व्यापारी थे। उनके जीवन में ऐसा महत्वपूर्ण मोड़ आया जब एकान्तवास के दौरान बनारस में हुए दिव्य साक्षात्कार ने उनके अन्दर वैराग्य उत्पन्न कर दिया। उन्होने कहा कि सनातन संस्कृति से ही स्वर्णिम भारत का निर्माण होगा।
पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने अपना तन-मन-धन और सर्वस्व प्रभु अर्पण कर ईश्वरीय निर्देश का पालन करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्थान की स्थापना की। उन्होंने परमात्मा द्वारा बतलाए गए मार्ग पर चलकर समाज को एक नई दिशा दी। उन्होने नारी शक्ति को आगे करके उनका मान बढ़ाया और महिला सशक्तिकरण का कार्य किया। उन्होंने महिलाओं में छिपी नैतिक और आध्यात्मिक शक्तियों को सामने लाकर उनको विश्व परिवर्तन के निमित्त बनाया। अब यह सृष्टि इतनी पुरानी और जर्जर हो चुकी है कि इसका पुनर्निमाण ही एकमात्र समाधान है।
यह परमपिता परमात्मा का कार्य है जो कि वह वर्तमान संगमयुग पर आकर कर रहे हैं। यह विश्व इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण संगमयुग का समय है जबकि निराकार परमपिता परमात्मा अपने साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर संस्कार परिवर्तन और नई सतो प्रधान दुनिया की पुर्नस्थापना करा रहे हैं।
इस मौके पर नगरी के ब्रह्मा कुमारीज राज ऋषि भवन पर बाबा की स्मृति में बाबा की झोपड़ी और शांति स्तंभ जिसे टावर ऑफ पीस कहा जाता है के सामने सभी भाई बहनों ने योग किए। तत्पश्चात ईश्वरीय परिवार के उपस्थित भाई बहनों को भोग और टोली वितरण किया गया।
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