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बॉलीवुड एक्ट्रेस-एक्ट्रेस की नचाती हैं अपने इशारों पर, खुद की फिल्म हुई फ्लॉप तो छिपाना पड़ा मुंह, घर में कैद हुई कैद

नई दिल्ली। कैटरीना कैफ (कैटरीना कैफ) हों या मलाइका अरोड़ा (मलाइका अरोड़ा) इस धोखा देने वाले के इशारे पर आज पूरी फिल्म इंडस्ट्री डांस करती है। बॉलीवुड का एक से बढ़कर एक आइकॉनिक गाने देने वाले कोरियोग्राफर और डायरेक्टर फराह खान (फराह खान) आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। आज इस फिल्म निर्माता के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से-

‘शीला की जवानी’ गाना तो आपको याद ही होगा, इस गाने के बजते ही पैर आपको लगता है। लेकिन आपको क्या याद है कि ये गाना कौन-सी फिल्म का है? इस फिल्म का नाम ‘तीस मार खां’ है। ये गाना भले ही सुपरहिट साबित हुआ हो लेकिन फराह खान द्वारा निर्देशित ये फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी गलती साबित हुई थी। ‘तीस मार खां’ को रिलीज हुए भले ही 12 साल हो गए हों लेकिन फराह खान को ये फिल्म आज भी अच्छी से याद आएगी।

फिल्म ‘तीस मार खां’ फराह खान के लिए एक बेहद ही खास फिल्म थी, जहां फराह इस फिल्म के गानों को कोरियोग्राफ करने के साथ-साथ इसका निर्देशन भी कर रही थीं। वहीं इस फिल्म की कहानी उनके पति शिरीष कुंदर और देवर अश्व कुंदर द्वारा लिखी गई थी। बिग स्टार कास्ट और एक सुपरहिट गाना होने के बावजूद इस फिल्म को ऑडियन्स ने खराब तरह से रिजेक्ट कर दिया था। दिलचस्प बात तो ये है कि जहां एक तरफ ये फिल्म सुपर फ्लॉप साबित हुई थी। वहीं, दूसरी तरफ इस फिल्म के गाने ‘शीला की जवानी’ के लिए फराह खान को ‘फिल्मफेयर फॉर बेस्ट कोरियोग्राफर’ का अवॉर्ड मिला था।

फराह ने तो शायद कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ये फिल्म इस कदर मात खा जाएगी। इस फिल्म को खरी-खोटी सुनाने में क्रिटिक्स ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। चारों तरफ सिर्फ फिल्म की बुराई ही हो रही थी। इन सब बातों का फराह पर इतना गहरा असर हुआ कि वह डर से घर के अंदर छिप गए थे। फराह ने कई दिनों तक अपने घर के बाहर कदम नहीं रखा था। उन्होंने लोगों से घोटाला करना और फोन पर बातें करना भी बंद कर दिया था। फराह के मुताबिक वह वक्त अपनी जिंदगी के काफी मुश्किल दौर से गुजर रहे थे।

सास बनीं सहर…
फराह खान बॉम्बे टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया गया था कि वह इस कदर हो गए थे कि वह बेस्ट कोरियोग्राफर अवार्ड लेने की हिम्मत भी नहीं जुटा रहे थे। लेकिन कहते हैं न कि इंसान के सबसे मुश्किल समय में उसका परिवार ही उसकी सबसे बड़ी शख्सियत बन जाता है। फराह के साथ भी बिल्कुल ऐसा ही हुआ। फराह की सास उनकी शक्ति बनीं और सास की समझ-बुझाने पर कई दिनों के बाद फराह ने घर से बाहर कदम रखा।

लंबे समय तक नहीं किया निर्देश-
कोरियोग्राफी में लोहा मनवाने के बाद फराह ने 2004 में फिल्म निर्देशित करने का रुख किया था। उन्होंने फिल्म ‘मैं हूं ना’ से संबंधित डायरेक्टर्स में एंट्री की थी। 2014 में आई फिल्म ‘हैप्पी न्यू ईयर’ फराह खान की आखिरी निर्देशित फिल्म थी।

टैग: मनोरंजन समाचार।, फराह खान, फरहान अख्तर, साजिद खान

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