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बोगतुई हिंसा के भूत की पत्नी का दावा, सीबीआइ अधिकारियों ने उसके पति की हत्या की

सिल्का ने मंगलवार सुबह शेखपुरहाट पुलिस थाने में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करायी और आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जांच की प्रक्रिया के तहत बोगतुई गांव का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शेख स्टेक ब्यूरो (सीबीआई) का जाम में बोगतुई हिंसा के ललन की मौत के एक दिन बाद उसकी पत्नी ने मंगलवार को दावा किया कि जांच एजेंसी के अधिकारियों ने उसके पति की हत्या की है। की पत्नी रेशमा बिनी पर आरोप लगाया गया कि अन्य अधिकारियों ने मामले से उसका (शेख का) नाम हटाने के लिए इससे पहले 50 लाख रुपये की मांग की थी। सिल्का ने मंगलवार सुबह शेखपुरहाट पुलिस थाने में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज करायी और आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जांच की प्रक्रिया के तहत बोगतुई गांव का दौरा किया था और इस दौरान उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।

इस साल मार्च में बोगतुई गांव में हुयी आगजनी और हिंसा के मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने भ्रम को खारिज करते हुए इसे ”आधारहीन” करार दिया है। इस हिंसा में कम से कम दस लोगों की मौत हो गई थी। बोगतुई हिंसा के मुख्य दुर्घटना को शेख को रामपुरहाट में एक अतिथि गृह में स्थायी कार्यालय के शौचालय में ”फंदे से लटका हुआ” पाया गया। सीबीआई के अधिकारियों ने दावा किया कि आत्महत्या से उसकी मौत हुई है, लेकिन परिवार का आरोप है कि प्रताड़ना से उसकी मौत हुई है। शेख के परिवार के कुछ सदस्यों ने गांव के लोगों के साथ मंगलवार को सीबीआई ऑफिस के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां बनने के लिए जिन पर लिखा गया था ”सीबीआई वापस जाओ”। बीरभूम जिला पुलिस मुकदमा में हुयी मौत के मामले में पहले ही जांच शुरू कर चुकी है। शेख की पत्नी ने शेख से बातचीत में कहा, ”सीबीआई बैंक के अधिकारियों ने मेरे पति की हत्या की है।” वह आत्महत्या करके नहीं मर सकता। सोमवार की दोपहर ललन के साथ मेरे घर आए सीबीआई अधिकारियों ने अपना नाम हटाने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी। वक्त उन लोगों ने मेमेफोन भी किया था।”

सिल्का ने यह भी कहा कि सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को मुझे शेख की मौत के बारे में बताने के लिए सूचित किया था, उन्होंने मुझे और मेरे बारे में भी इसी तरह से धमकी दी। हालांकि, सीबीआइ ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे ”आधारहीन और सच्चाई से परे” करार दिया। जांच एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा कि सीबीआई का कोई भी युवा दोषी पाया गया है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा, ”हम लोग यहां मामले की जांच करने के लिए हैं। हमारी टीम के किसी भी सदस्य ने किसी से भी पैसा नहीं मांगा है। ऐसे आरोप पूरी तरह से आधारहीन हैं।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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