
UNITED NEWS OF ASIA. नारायणपुर | छत्तीसगढ़ में नारायणपुर जिला अस्पताल की शव वाहन बीच रास्ते में ही खराब हो गई। जिसके बाद वाहन से युवक की लाश को परिजनों ने ट्रैक्टर में शिफ्ट किया और घर लेकर गए। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी इस तरह की स्थिति देखने को मिली है। वहीं गांववालों ने इसका विरोध किया है।
दरअसल, जिला मुख्यालय से ठीक 8 किमी की दूरी पर मेटाडोंगरी गांव है। इस गांव का रहने वाला युवक महादेव सलाम सल्फी पेड़ से नीचे गिर गया। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत होना बताया। जिसके बाद शव का पोस्टमॉर्टम किया गया।
वहीं एक दिन पहले जिला अस्पताल की शव वाहन में शव को गांव लाया जा रहा था। हालांकि, शव वाहन की इतनी खस्ता हालत थी कि वाहन बीच रास्ते ही खराब हो गई। जिसके बाद परिजनों ने किराए से ट्रैक्टर का बंदोबस्त किया। फिर शव को ट्रैक्टर की ट्रॉली में शिफ्ट किया और गांव लेकर गए।
जहां उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया। गांववालों का कहना है कि, जिला अस्पताल में 108 हो या शव वाहन, सभी की यही दशा है। इसका खामियाजा गांव के लोगों को उठाना पड़ता है। क्योंकि शव लाने के लिए किराए की गाड़ी और ट्रैक्टर करने पर मनमाना पैसा वसूला जाता है।
अस्पताल में एक ही शव वाहन, वह भी कबाड़
नारायणपुर जिला अस्पताल में एक ही शव वाहन है और वह भी कबाड़ हो चुकी है। चलते-चलते गाड़ी बीच रास्ते में ही खराब हो जाती है। बार-बार मरम्मत कर उसे चलाया जा रहा है। बीच रास्ते गाड़ी खराब होने की वजह से आम ग्रामीणों को शव ले जाने काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में हमने जिला अस्पताल प्रबंधन से बात करने उन्हें फोन लगाया, लेकिन उनका फोन नेटवर्क कवरेज से बाहर बताया।
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