
ट्विटर@बीजेपी
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली को नशे की नगरी बना दिया है। इस दौरान बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक ऐसी पार्टी जो दावा करती है कि वह भारतीय राजनीति में एक नई राजनीति लेकर आएगी, वह राजनीतिक भ्रष्टाचार करने के लिए दिल्ली के युवाओं को नशे में डूबने से भी गुरेज नहीं किया।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बनी हुई हैं। आम आदमी पार्टी बीजेपी पर जबरदस्ती कैसे हमलावर है। इन सबके बीच आज बीजेपी की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम पार्टी पर निशाना साधा गया है। भाजपा ने आरोप लगाते हुए साफ तौर पर कहा कि दिल्ली के युवाओं को नशे में डुबो दिया गया है। बीजेपी का दावा है कि जगह-जगह शराब की सेनेटरी खोल दी गई है। दिल्ली सरकार की शराब नीति एक साजिश थी। दिल्ली सरकार ने युवा पीढ़ी के साथ खिलवाड़ किया है। दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि हम चार्जर सरकार की शराब नीति का पोल खोलेंगे और इसे घर-घर सर्वे करेंगे।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सिसोदिया ने दिल्ली को नशे की नगरी बना दिया है। इस दौरान बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक ऐसी पार्टी जो दावा करती है कि वह भारतीय राजनीति में एक नई राजनीति लेकर आएगी, वह राजनीतिक भ्रष्टाचार करने के लिए दिल्ली के युवाओं को नशे में डूबने से भी गुरेज नहीं किया। उन्होंने कहा कि आपने ऐसा कोई उदाहरण नहीं देखा होगा जहां कोई सरकार एक बोतल शराब के साथ दूसरी बोतल मुफ्त दे रही हो। इसके अलावा ऐसा भी उदाहरण नहीं देखा होगा जहां शिक्षा मंत्री ही शराब मंत्री हों। ये उनकी नई राजनीति थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि दिल्ली की जनता सब समझती है।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि आप भी मंशा बिल्कुल गलत थी। इस्तीफा देने वाले आज बदल गए हैं। मंत्री जेल में फिर भी इस्तीफ़ा नहीं देते। घोटाले के मामले में समाधी पर जाते हैं। आपको बता दें कि आबकारी नीति में घूस को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए सेंट्रल पुशअप ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने कहा था कि उचित व जांच पड़ताल के लिए जरूरी है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित और वैध जवाब मिलें और इस अदालत की राय में यह न्यायालय की याचिका से ही पूछताछ संभव है।
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