UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा नगर पालिका सीएमओ की एक के बाद एक बड़ी लापरवाही सामने उजागर हो रही है । नई सरकार के गठन के बाद जिस तरह से जनता की भावना और दिए गए मताधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जनता के विश्वास को कम कर जबरन कवर्धा के ऊपर मनोनीत अध्यक्ष को थोपा गया है तब से नगर पालिका कवर्धा और उसके अधिकारी अपने कर्तव्य विमूढ़ता के चरम सीमा को लांघ चुके हैं ।
पहले सामान्य सभा की बैठक में शामिल आधे से ज्यादा एजेंडा व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए रखे गए । जिस पर कांग्रेसी पार्षदों ने घोर निंदा करते हुए बैठक में जनता के अधिकारों का हनन बताया और केवल नगर विकास के लिए अपनी बात रखी कवर्धा के प्रबुद्घ आम जन की आवाज को बुलंद किया ।
अब एक बार फिर से मनोनीत अध्यक्ष के समर्थित सीएमओ ने उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण के विरुद्ध कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करते हुए उच्च न्यायालय के मान की अवहेलना करते हुए कवर्धा स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कॉम्प्लेक्स की नीलामी तिथि जारी कर दी है ।
दरअसल सरदार वल्लभ भाई पटेल कॉम्प्लेक्स में अभी तक विस्थापित दुकानदारों को दुकान व्यवस्थापन नहीं किया गया है । जिसके गुहार व्यापारी भाइयों ने मान उच्च न्यायालय से लगाकर याचिका दायर की है । पूरा मामला अभी लंबित है ।
जिस पर कवर्धा नगर पालिका के 15 कांग्रेसी पार्षदों ने नीलामी स्थगित करने और बचे विस्थापित दुकानदारों को व्यवस्थापन करने की मांग को लेकर जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है ।