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भाजपा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि केवल कांग्रेस ही मुस्लिम सपा और बसपा के लिए विकल्प है जो लोकसभा चुनाव एएनएन के लिए राजनीतिक चुनौती है। यूपी पॉलिटिक्स: बीजेपी सांसद का दावा

यूपी नगर निकाय चुनाव परिणाम 2023: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले रहे। मुस्लिम ने पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी को एकतरफा वोट नहीं दिया। अलग-अलग मुस्लिम के साथ मुस्लिम का मत दिखा। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर कहीं कांग्रेस के हाथ पकड़े तो कहीं उड़ गए। रौशनी ने अखिलेश यादव और मायावती को चौंका दिया। मुस्लिमों के चलते हुए जाम ने सोचने को मजबूर कर दिया है कि 19 दिसंबर को होने वाले चुनाव में मुस्लिम का रुख क्या रहेगा. बीजेपी नेता डॉक्टर लक्ष्मीकांत के बयानों ने मायावती और अखिलेश यादव का तनाव बढ़ा दिया है। उनका कहना है कि अब कांग्रेस ही मुस्लिमों के लिए विकल्प है।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के संबंध ने भी मुस्लिमों को कांग्रेस का बड़ा विकल्प दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाली पर जांच से पता चलता है कि विधानसभा चुनाव की तुलना में मुस्लिम सपा के साथ गड़बड़ी से नहीं चूके। मेरठ में एमिम का कद बहुत बढ़ गया। सहारनपुर में साइकिल की बजाय मुस्लिमों ने हाथी की चाल पर भरोसा किया। बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर और बुलंद शहर में भी सपा कुछ खास नहीं कर पाई और बसपा को भी बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। मुस्लिमों के सपा और बसपा से बढ़ती दूरी ने सियासी पार्टियों में हलचल मचा दी है।

बीजेपी के सांसद सांसद लक्ष्मीकांत पोर्ट्रेट अब सीधे तौर पर कहने लगे हैं कि सपा बसपा से मुस्लिमों का मोह भंग हो गया और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ जाएंगे। आशिक ट्रेडमार्क जयंत चौधरी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ आने की बातें भी सियासी गलियारों में गर्दिश कर रही हैं। कर्नाटक सिगरेट के बाद बात और जोर पकड़ रही है कि मुस्लिमों का विरोध कांग्रेस की ओर होने से जयंत चौधरी को भी बड़ा फायदा होगा और बीजेपी के लिए खड़िया खाना मुश्किल हो सकता है।

कौन जीतेगा आगामी लोकसभा चुनाव?

राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत ब्लॉग की बात सपा विधायक हाजी रफीक अंसारी को चुभ गई और उन्होंने पलटवार में कह डाला कि बीजेपी के 40 सांसद चुनाव हार जाएंगे। उन्होंने कहा कि सपा पार्टी आंदोलन नहीं करती है और नहीं दिया जो बज जाए। वो अगरबत्ती की सुगंध है जो मुस्लिम के दिल में महकती है। निकाय चुनाव के संबंध से एमिम को यूपी में नया रास्ता और विकल्प मिला। अल्पसंख्यक मसले पर ओवैसी की पार्टी और नेताओं को लगता है कि मुस्लिम अब सपा और बसपा की तरफ नहीं जाएंगे।

अभी से सपा और बसपा की टेंशन

मुस्लिम को सभी गैर-मान्यता प्राप्त है। डॉक्टर लक्ष्मीकांत टैग के बयानों पर एमआईएम ने सवाल जमा किए हैं। महानगर अध्यक्ष इमरान अंसारी ने पूछा कि क्या पोर्ट्रेट अंतर्यामी हैं, कांग्रेस डूबता जहाज है। मुसलमान किसी की बपौती नहीं हैं। कांग्रेस मेरठ के मेयर सीट पर जमानत भी बच्चा पाई नहीं है, लेकिन कई समझौते पर कांग्रेस बांग्लादेश को मिले वोट ने सपा और बसपा का तनाव बढ़ा दिया है।

कांग्रेस का कहना है कि मुस्लिम ही नहीं बहुसंख्यक समाज भी कांग्रेस को मजबूत करेगा। जिलाअध्यक्ष अवनीश ने कहा कि मुस्लिम का सपा और बसपा से मोह भंग हो गया है और बीजेपी कांग्रेस के बीच 2024 का मुकाबला होगा। विधानसभा चुनाव, नगर निकाय चुनाव या अब कर्नाटक चुनाव के गठबंधन से स्पष्ट होता है कि मुस्लिम की सोच में बदलाव आया है। सीएसी की स्थिति में नए विकल्पों की भी चर्चा जारी है। उत्तर प्रदेश में स्पा और बसपा के लिए कम से कम खतरों की घंटी है।

निकाय चुनाव के बाद वाली पश्चिमी यूपी की सियासी हवा बहुत कुछ कह रही है। मुस्लिमों के बदले रुख ने सबसे ज्यादा स्पा और बसपा को मुश्किल में डाल दिया है। वहीं, एमआईएम और कांग्रेस के लिए अच्छे संकेत दिए गए हैं। अब ऐसे में कर्नाटक से चले कांग्रेस की हवा ऊपर होते हुए 2024 में दिल्ली कितनी पर सबकी नजरें टिकी हैं। आज के चुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ कर लें कि अपराधी ने सचिन तेंदुलकर के हाथ धोते हुए पकड़े।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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