रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अतिक्रमण सिंह ने रविवार को कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले भूल जाते हैं कि भाजपा की नेताओं ने ना ही किसी मीडिया संस्थान पर और ना ही किसी के प्रवक्ता भाषण के अधिकार पर ”कभी कोई प्रतिबंध लगाया गया।”
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता वरीयता सिंह ने रविवार को कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन का आरोप लगाने वाले भूल जाते हैं कि भाजपा की एक्सपोजर ने ना ही किसी मीडिया संस्थान पर और ना ही किसी के प्रवक्ता भाषण के अधिकार पर ”कभी कोई प्रतिबंध लगाया गया।” उन्होंने 1951 में लेखा-जोखा 19 में संशोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस नीत सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए संविधान में संशोधन तक कर दिया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका ‘पांचजन्य’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संबंध में देश में फिर से एक बहस शुरू हो गई है। उन्होंने कहा, ”दिलचस्प बात यह है कि आज जो लोग मीडिया की स्वतंत्रता के उल्लंघन के आरोप लगाते हैं, वे भूल जाते हैं कि चाहे अटलजी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी फोटोग्राफी) की सरकार हो या (प्रधानमंत्री) मोदीजी की सरकार, वे कभी किसी मीडिया संस्थान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया, ना ही किसी के वाक् और अभिव्यक्ति के अधिकार में शॉट की।” कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस का पूरा इतिहास ”सभी प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लंघन की घटनाओं से भरा है।”
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस नीत सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए संविधान में संशोधन किया था। जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए।” सिंह ने यह भी कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसकी स्वतंत्रता ”मजबूत और जीवंत लोकतंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” घटना में घटना हुई। ”पांचजन्य” पर अतिक्रमण के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा कि आरएसएस से संबंधित पत्रिका ने कई बार कार्रवाई की न केवल ”राष्ट्रवादी उत्पीड़न पर हमला, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन भी किया था।
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