भाजपा ने राहुल पर भारत को बदनाम करने का अरोप उम्मीदवारों से पूछा था कि क्या गांधी देश को दिखाने के लिए एक एजेंसी के पेंशनभोगी एजेंटों की तरह काम कर रहे थे। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशों में आंतरिक राजनीति के मुद्दों को उठाते हुए कई आरोपों का हवाला दिया।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय में लेक देने के दौरान राहुल की ओर से दिए हुए निशानों में निहित बातों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नहीं समझती। कांग्रेस ने दावा किया कि राहुल ने उत्पादन व्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए सरकार नियंत्रण चीन की निगम प्रणाली और भारत जैसे लोकतांत्रिक राष्ट्रों की प्रत्याभूति के बीच अहम अंतर को निर्धारित किया था। विपक्षी दलों की यह प्रतिक्रिया भाजपा की ओर से राहुल पर आरोप लगाने के आरोप लगाए गए। बीजेपी ने राहुल पर आरोप लगाया कि उन्होंने विदेशी सरजामी पर चीन की आकांक्षा करके भारत की छवि धूमिल की।
विश्वविद्यालय में गांधी की टिप्पणी का एक वीडियो टैग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ”राहुल गांधी ने अपने कैंब्रिज दावों में चीन की सरकार नियंत्रण निगम प्रणाली और उत्पाद जमा को दुरुस्त करने के लिए भारत जैसे दावों की स्थिति की आवश्यकताओं के लिए। बीच के अहम अंतर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। लेकिन इसकी गहरी बातों को बीजेपी नहीं समझ सकती।” चीन से संबंध के बारे में मोदी का एक वीडियो टैग करते हुए रमेश ने कहा, ”जबकि प्रधानमंत्री मोदी चीनियों के साथ अपनी घनिष्ठ मित्रता का संबंध नहीं रखते।” गांधी ने कहा कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अपनी टिप्णी में कहा था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं और उनमें कई राजनेताओं की निगरानी की जा रही है।
उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस और भाजपा से तनातनी हो गई। भाजपा ने राहुल पर भारत को बदनाम करने का अरोप उम्मीदवारों से पूछा था कि क्या गांधी देश को दिखाने के लिए एक एजेंसी के पेंशनभोगी एजेंटों की तरह काम कर रहे थे। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेशों में आंतरिक राजनीति के मुद्दों को उठाते हुए कई आरोपों का हवाला दिया और कहा कि गवाह पार्टी के बयान या तो अज्ञानता की भविष्यवाणी हैं या फिर यह ‘पूरी तरह सुनियोजित राजनीति’ है, लेकिन दोनों का ही लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। अमेरिका और भारत जैसे लोकतांत्रिक देशों में हाल के सालों में मैन्युफैक्चरिंग में आई गिरावट पर प्रोडक्शन के चीन में ट्रांसफर होने का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा था कि इस ट्रांसफर ने भारी रूप से स्थायी और शेयर जमा कर लिया है जिस पर तुरंत ध्यान देना और बातचीत करना। की जरूरत है।
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