राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि राज्य में नगर निकाय चुनावी राजनीतिक दल की तर्ज पर नहीं हैं और किसी उम्मीदवार की जीत को किसी राजनीतिक दल की जीत घोषित नहीं किया जा सकता है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को दावा किया कि बिहार में उसके समर्थन वाले अधिकांश निकाय निकाय चुनाव जीत गए हैं। शुक्रवार को मतगणना के दौरान चुनाव के परिणाम आने शुरू हो गए। ऐसे में कई उम्मीद्वारों ने विभिन्न पदों पर जीत दर्ज की है जिनके बारे में समझा जाता है कि वे अंतर्निहित महागठबंधन द्वारा समर्थित हैं। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कहा कि राज्य में नगर निकाय चुनावी राजनीतिक दल की तर्ज पर नहीं हैं और किसी उम्मीदवार की जीत को किसी राजनीतिक दल की जीत घोषित नहीं किया जा सकता है।
वैसे तो कई जगहों पर मतों की गिनती अभी भी चल रही है, लेकिन सीता साहू ने पटना नगर निगम के महापौर के रूप में वापसी की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ‘भाजपा समर्थक साहू’ ने अपने सहयोगी प्रतिद्वंद्वी मजाबी को 18,529 मतों के अंतर से हराया। अन्य उम्मीदवार चंद्रवंशी ने अंजना गांधी को 5,251 मतों से हराकर उपमहापौर का पद जीता। इस बार महापौर और उपमहापौर के पदों के लिए सीधे आम जनता के मतों से चुनाव हुए। पहले इन पदों पर वार्ड सदस्यों के सदस्य निर्वाचित होते थे। कई नेताओं के करीबी गठबंधन ने चुनावी लड़ाई लड़ी जबकि कई ने सहयोगी या सहयोगी गठबंधन के समर्थन का दावा किया।
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा, ”नगर निकायों के चुनाव का परिणाम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोगों ने बिहार में मंत्रियों की स्टीकर की महागठबंधन सरकार को नकार दिया है। पूर्वांचल, मुजफ्फरपुर, कटिहार, सीवान और सारन सहित कई नगर निगमों में कई भाजपा उम्मीदवार महापौर और उपमहापौर के पद पर जीत हासिल कर चुके हैं। बीजेपी के दावे पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने ‘पीती-भाषा’ से कहा, ”इस पर टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है। एससी नगर निकाय चुनाव पार्टी निशान पर नहीं लड़े गए, ऐसे में कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति विशेष ब्राजील की जीत को अपनी जीत बता सकता है।” साइर) में रिकॉर्ड हो गया था। राज्य में 28 दिसंबर को 23 शेयरिंग में 135 नगरों में 1529 वार्डों सहित 1665 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं।
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