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मनेंद्रगढ़ एएनएन में एक ही मुद्दे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेता एक साथ भूख हड़ताल पर हैं

मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव) में कुछ ही महीने बाकी हैं, ऐसे में सत्तरुढ़ पार्टी और विपक्षी दलों के आरोप प्रत्यारोप का दौर पक्का हो गया है। लेकिन इससे परे हटकर जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ (मनेंद्रगढ़) में एक ऐसा आंदोलन जारी है, जिसे सुनकर सभी हैरान हैं। दरअसल मनेन्द्रगढ में प्रदेश के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) के सदस्य एक साथ एक ही मुद्दे को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं। यह मामला चक्कर को जमीन का पट्टा और आवास को लेकर है।

प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीख जैसी लग रही है, ऐसे में सभी दल अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश भर में प्रचार तेज कर दिया है। छत्तीसगढ़ में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने प्रदेश की मौजूदा सरकार के घोषणा पत्र में किए गए वादों को लेकर धरना प्रदर्शन और तरह के आंदोलन कर सरकार की शर्म को उजागर करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन प्रदेश के मनेन्द्रगढ में जिस तरह का आंदोलन आज से शुरू हुआ है। वो मौजूदा सरकार की नीति ऋतिक पर ना केवल सवाल खड़ा कर रही है। बल्कि इस बात का भी संकेत दे रहा है कि किसी के पार्टी के जनप्रतिनिधि सरकार की घोषणा को जनता के साथ छलावा बता रहे हैं। दरअसल 2018 में चुनाव जीतने के पहले कांग्रेस ने अपनी जन घोषणा में कई व्यथित थे। जिसमें एक वादा राजीव गांधी घुग्गी झोपड़ी शरण देने का था। लेकिन आज तक वो पट्टा गरीब तबके लोगों को नहीं मिल रहा है। आपस में कोई पड़ोसी आवास नहीं पा रहा है। प्रतिभूति आज लेकर से कांग्रेस और भाजपा के सात के साथ नगर की भर्ती के लिए अध्यक्ष प्रभा पटेल और उपाध्यक्ष भी आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

प्रधानमंत्री का हर गरीब को आवास देने का सपना नहीं हो रहा पूरा पार्षद अजमुद्दीन अंसारी

इस आमरण अनशन में कांग्रेस के चार और बीजेपी के तीन नगर आयुक्त आमरण अनशन पर बैठे हैं। इस अनशन में कांग्रेसी पार्षदों के साथ बैठे बीजेपी सदस्य अजमुद्दीन अंसारी का कहना है. हमारे यहां के जो गरीब लोग सरकार की जमीन में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में शेयर को जो पट्टा देने की घोषणा की गई थी, वो पट्टा नहीं दिया जा रहा है। जिससे प्रधानमंत्री का जो हर गरीब को आवास देने का सपना था वो पूरा नहीं हो रहा है। पार्षद अजमद अंसारी ने कहा कि जब लीज लीज देना चाहते हैं, प्रधानमंत्री आवास देना चाहते हैं तो बीच में वो कौन लोग हैं जो पट्टा नहीं देना चाहते हैं । वहीं जब अजमुद्दीन अंसारी से बीजेपी कांग्रेस दोनों के साथ आंदोलन करने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि ये घेरा का माईल है। उनका दावा है कि जहां किसी का प्रधानमंत्री आवास बना है, उसी की बगल में भी गरीब लोगों का आवास नहीं बना है। इसलिए हम सब उनके साथ हैं। इसमें कांग्रेसी बीजेपी वालों की कोई बात नहीं है। जो भी वार्ड के लोग हैं सब हमारे लोग हैं।

तहसील कार्यालय से नक्शे और पट्टे की चोरी हुई

बीजेपी पार्षदों के साथ आमरण अनशन से जुड़े कांग्रेस सदस्य अजय जायसवाल का कहना है कि सबसे पहले मैं इस बात के लिए धन्यवाद देता हूं कि वो शेयरधारकों के लिए राजीव गांधी झूली झोपड़ी शरण योजना लेकर आए। जिसका बाद में सर्वे भी हुआ। सर्वे में 242 लोग पात्र भी पाए गए और केवल 60 से 70 लोगों ने इस योजना के लाभ के लिए बकाया के माध्यम से पैसा भी जमा किया। लेकिन उसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। हम जन प्रतिनिधियों ने कई बार निवेदन तो कई बार मौखिक कलेक्टर एसडीएम और तहसीलदार से गहरा लिया है लेकिन स्थिति जस की तस बनी है।

कांग्रेस पार्षद अजय जायसवाल ने बताया कि अधिकारियों ने एक ही बात कही कि मनेन्द्रगढ का नक्शा और पट्टा गुम हो गया है। उन्होंने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये बड़े मोह की बात है कि तहसील कार्यालय से शहर का नक्शा और पट्टा चोरी हो गया। लेकिन इस संबंध में कोई स्थिति नहीं बनाई गई। ना ही कोई कार्यवाही हुई है. लगातार तीन साल से लीज की मांग करने के बाद भी जंपिंग अधिकारी लीज्ड नहीं करवा पाए। जिसका खामियाजा हम सभी पार्षदों और वार्ड के उन गरीबों को कम पड़ रहा है जिन्हें पट्टा दिया गया था, क्योंकि अगर इन लोगों को पट्टा मिल जाता है तो जो व्यापक आवास का सपना पूरा हो जाता है।

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