
यूएन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर।
संयुक्त राष्ट्र में पीएम मोदी को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयानों पर भारत ने पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया है। पाक विदेश मंत्री के बयानों को भारत ने रूप बताया। भारत ने कहा कि ऐसी टिप्पणी पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर है। लगता है पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो 1971 को भूल गए। जो बंगाली और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तान के शासकों की ओर से किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था।
पाकिस्तान को अपनी सोच बदलने की जरूरत है
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां आतंकवाद और सहमति को शरण दी जाती है। ओसामा बीन लादेन को एक शहीद स्तर देता है और उसके द्वारा किए गए नापाक हरकतों की महिमामंडन करता है। पाकिस्तान ने अपने देश में लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और इब्राहिम जैसे प्रमाण पत्र को शरण दे रखा है। दुनिया के किसी भी देश में इतनी बड़ी संस्थाएं ज़िम्मेदार नहीं हैं कि जापान में हैं। ऐसे में पाकिस्तान को अपनी सोच बदलनी चाहिए।
पाक विदेश मंत्री ने यूएनएससी में मुंबई में एक नर्स अंजली कुलथे की गवाही को ध्यान से सुना कि कैसे कार्रवाई के वक्त अजमल कसाब की बंदी से उन्होंने 20 प्रेग्नेंट महिलाओं की जान बचाई थी। पाकिस्तान के वित्त मंत्री की हताशा ने उनके अपने देश में आतंकवादियों के कब्जे वाले मास्टरमाइंड्स की ओर निर्देशित किया होगा, आतंकवाद को अपने राज्य की नीति का हिस्सा बना लिया है। पाकिस्तान को अपनी वाणी बदलने की जरूरत है।
ऐसा क्या बोल गए थे बिलावल भुट्टो
यूएन में बिलावल से लादेन पर सवाल पूछा गया था और लादेन के जिक्र से सकपकाए बिलावल गुजरात दंगे की बात करने लगे। इस दौरान भुट्टो ने पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। दरअसल, बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान भारत को कश्मीर के मुद्दों पर नसीहत दी थी इसके बाद जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बोलने की बारी आई तो उन्होंने ऐसा कुछ कहा कि पाकिस्तान की बोलती बंद हो गई। जयशंकर ने कहा कि ओसामा बिल लादेन को अतिथि बनाने वालों को संयुक्त राष्ट्र की बैठक में उपदेश देने का कोई हक नहीं है।
साइट पर हमला करने वालों को इस परिषद में उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है
जयशंकर ने बिलावल को जवाब देते हुए कहा, ”यूएन की सार्थकता इस बात पर है कि हमारे नशे की सबसे बड़ी रेटिंग जैसी महामारी, क्रीमिया परिवर्तन और आतंकवाद पर इसका असर दिखता है। हम इस समस्या का समाधान अभी भी खोज रहे हैं, लेकिन इन परिस्थितियों को सामान्य मान लेना ठीक ठीक नहीं किया जा सकता। दुनिया जिसे मान्य करने का मान्य नहीं है उसके पक्ष में याचिका देने का सवाल ही नहीं उठता। ये बात आतंकवाद को विष्णु के समर्थन पर भी लागू होती है। ओसामा बिन लादेन को रहने वाले रहने वाले और दूसरे देश की संसद पर हमला करने वाले इस परिषद को उपदेश देने का अधिकार नहीं रखते।”
‘पाकिस अपने घर में सांप पालेगा तो ये सांप उसे भी डंसेगा’
जयशंकर ने बिलावल को यहीं तक नहीं छोड़ा, कल भी उन्होंने बिलावल भुट्टो पर झूलों पर चढ़ाई की। जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर पूरी दुनिया को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता। जयशंकर ने न केवल बिलावल को लताड़ लगाते हुए, उन्होंने पाकिस्तान के विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार को भी बख्शा नहीं। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के पुराने जमाखोरों ने कहा कि अगर पाकिस्तान अपने घर में सांप पालेगा तो ये सांप उसे भी डंसेगा।
‘दुनिया बेवकूफ नहीं है, पाकिस्तान का सच है’
उन्होंने कहा, ”दक्षिण एशिया और उसकी कुछ घटनाओं में पाकिस्तान के दावे हैं। दुनिया बेवकूफ नहीं है, पाकिस्तान का सच है। पड़ोसी देशों पर आतंकवाद फैलाने का आरोप पाकिस्तान पर लगाने की सच्चाई नहीं छिपी। पाकिस्तान के पड़ोसी होने का फर्ज प्रदर्शन करें और आर्थिक विकास करें।” कुल मिलाकर जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के अंदर और बाहर मीडिया से बातचीत में पाकिस्तान की पोल खोली।



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