














UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित छत्तीसगढ़ यात्रा से पहले बिलासपुर के लोग विकास को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। लंबे समय से मेडिकल और रेलवे सुविधाओं में सुधार की मांगें उठाई जा रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं मिला है।
बिलासपुर को चाहिए एम्स, 1.5 करोड़ लोगों को होगा फायदा
बिलासपुर संभाग में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूती देने के लिए एम्स (AIIMS) की मांग जोरों पर है। सिम्स (CIMS) और मल्टी-स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कोनी तो मौजूद हैं, लेकिन अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं के लिए एम्स की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही है।
कौन-कौन होंगे लाभान्वित?
एम्स बनने से न केवल बिलासपुर, बल्कि मुंगेली, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही सहित सरगुजा संभाग के छह जिलों को फायदा मिलेगा। साथ ही, पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के मरीज भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
8 साल से नहीं मिली कोई नई सुपरफास्ट ट्रेन!
बिलासपुर रेलवे जोन में माल ढुलाई के नए-नए रिकॉर्ड बनाए जा रहे हैं, लेकिन यात्री सुविधाओं की अनदेखी जारी है।
पिछले आठ वर्षों में वंदे भारत एक्सप्रेस के अलावा कोई नई सुपरफास्ट ट्रेन नहीं मिली।
बड़ी समस्याएं:
यात्रियों की मांग:
रेलवे का पूरा फोकस माल ढुलाई पर है, लेकिन यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता नहीं दी जा रही। नई ट्रेनों की जरूरत है, सिर्फ स्टेशन सौंदर्यीकरण से समस्या हल नहीं होगी।
बिलासपुर की उम्मीदें पीएम मोदी से
अब जबकि डबल इंजन सरकार राज्य में काम कर रही है, लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिलासपुर को एम्स और नई ट्रेनों की सौगात देंगे। क्या इस बार बिलासपुर की मांगें पूरी होंगी?
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