लेटेस्ट न्यूज़

तमिलनाडु में मुंबई ठाकरे काल की तरह बिहारियों प्रवासियों की पिटाई और छेड़छाड़ की जा रही है

ऐप पर पढ़ें

तमिलनाडु में बिहारियों पर हो रही हिंसा का मुंबई के ‘ठाकरे युग’ का एक ताजा उदाहरण सामने आया है। त्रिपुर से लेकर चेन्नई तक, कई जगहों पर हिंदी भाषा प्रवास को मारा और संदेश भेजा जा रहा है। बिहार के मजदूर डर रहे हैं। वे अपना गांव लौटना चाहते हैं लेकिन ट्रेन में जगह नहीं मिल रही है। हिंदी भाषी लोगों ने वहां से हिंसा के वीडियो भेजकर नटखट कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से जोर लगा रहे हैं। एक दशक पहले मुंबई में भी यूपी-बिहार के पहलुओं को ऐसी ही हिंसा जितनी शुरू की गई थी। बीजेपी और राज ठाकरे के समर्थक बिहारियों का अपमान करते थे और उनका प्रताड़ित करते थे।

जानकारी के अनुसार तमिलनाडु में काम कर रहे बिहार के लोगों ने बताया है कि हिंदीभाषियों से हुई हिंसा में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वाले मधुबनी जिले में रहने वाले दिखाओ जा रहे हैं। स्थानीय तमिल लोग बिहारी पहलू पर लेटे और लाठी-डंडों से वार कर रहे हैं। इस वजह से उन्हें छिपना पड़ रहा है। हफ्ते भर पहले त्रिपुर में शुरू हुई हिंसा अब मेट्रोपॉलिटन चेन्नई तक पहुंच गई है।

स्थानीय लोगों में इस बात पर गुस्सा है कि हिंदी भाषी लोग वहां आकर कम काम में काम कर रहे हैं। इस वजह से तमिलनाडु के लोगों को काम नहीं मिल रहा है। इससे वे भड़क गए हैं और चुन-चुनकर हिंदी भाषियों पर हमले हो रहे हैं। तमिलनाडु में नवादा, लखीसराय, भागलपुर, पूर्व, दरभंगा, नालंदा, मधुबनी, जमुई सहित अन्य कई लोग काम कर रहे हैं। इनमें से कंपनी के कर्मचारी लेकर दिहाड़ी मजदूर तक शामिल हैं।

तमिलनाडु में बिहारी परत पर कहर, दरार में दर्ज हुए लोग, वापसी के लिए ट्रेन में जगह नहीं

तमिलनाडु में भी मुंबई जैसा हाल होगा?

तमिल में हिंदी भाषा के लोग हो रही हिंसा से मुंबई की यादें ताजा हो गई हैं। एक दशक पहले देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बीजेपी और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के दाखिले ने यूपी-बिहार के लोगों को प्रताड़ित किया था। इस वजह से मराठियों और यूपी-बिहार के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। विकलांग बाल ठाकरे और राज ठाकरे ने बिहारियों के लिए ‘भैया’, ‘गोबर का कीड़ा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। ऐसे में डर सता रहा है कि क्या तमिलनाडु में भी मुंबई जैसे हालात हो जाएंगे। मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी राजनेता और स्थानीय संगठन से बिहारी नामांकन को समय-समय पर नज़रअंदाज़ और उत्पीड़न सहना पड़ता है।

 


यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..

आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787

व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें


विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787


निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News

Now Available on :

Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page