
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक कर विभाग ने जीएसटी अपवंचन के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए सड़क निर्माण फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों पर छापेमारी की। यह फर्म पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से जुड़ी है। शुरुआती जांच में 2 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है।
प्रारंभिक जांच के खुलासे:
वाणिज्यिक कर विभाग ने पाया कि फर्म ने अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा किया है। फर्म ने सीमेंट और सरिया की खरीद को दिखाकर आईटीसी का लाभ लिया, जबकि बिटूमीन जैसे प्रमुख सामग्रियों की खरीद को स्पष्ट नहीं किया। इसके अलावा, फर्म ने वाहनों और कपड़ों पर भी आईटीसी का दावा किया, जो जीएसटी प्रावधानों के विरुद्ध है।
प्रारंभिक भुगतान और जांच जारी:
फर्म ने जांच के दौरान विसंगतियों को स्वीकार किया और 30 लाख रुपये टैक्स का प्रारंभिक भुगतान किया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि बैंक विवरणों और जीएसटी रिटर्न के विस्तृत सत्यापन के बाद अंतिम देयता निर्धारित की जाएगी।
सख्त कार्रवाई का संकेत:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य भर में जीएसटी अपवंचन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। विभाग को ऐसे कई मामलों की शिकायतें मिली हैं और आगामी दिनों में अन्य फर्मों पर भी जांच की जा सकती है।
पृष्ठभूमि:
गौरतलब है कि सुरेश चंद्राकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है। इस छापेमारी के बाद फर्म के कर अपवंचन से जुड़ी गड़बड़ियों पर राज्य भर में चर्चा तेज हो गई है।
यह कार्रवाई न केवल टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ एक सख्त संदेश है, बल्कि वाणिज्यिक कर विभाग की सतर्कता और पारदर्शिता को भी दर्शाती है।
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