लेटेस्ट न्यूज़

बड़ी खबर- 1 अगस्त से Amazon, Flipkart पर बिकने वाले हर सामान पर अब लिखा होगा, वो कहां बना है

नई दिल्ली। कंट्री ऑफ ओरिजिन (कंट्री ऑफ ओरिजिन) को लेकर सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने ई-कॉमर्स ऑर्गनाइज़ेशन को अपने सभी प्रोडक्ट्स पर कंट्री ऑफ़ ओरिजिन के नए नामों के लिए 1 अगस्त की समय सीमा तय की है। लेकिन पोर्टल पर मौजूद उत्पादों के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं है। हालांकि DIPPGOI ने आज की बैठक में सितंबर के अंत तक नियम को पूरी तरह से लागू करने की मंशा जाहिर की है। डीपीआईआईटी ने ई-कॉमर्स संस्थाओं से कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर आने के बारे में ये जानकारी अनिवार्य होगी कि उत्पाद कहां से आए या कहां बने हैं।

ई-कॉमर्स कंपनियां इसके लिए कम से कम 3 महीने का समय मांग रही हैं। लेकिन, डीपीआईआईटी ने नियम का पालन करने का कहा है जिसके तहत मैन्युफैक्चरिंग देश की जानकारी देना जरूरी है। नए अधिसूचना के तहत पोर्टल पर मौजूद सभी उत्पादों पर कंट्री ऑफ ओरिजिन जरूरी है। नए समझौतों पर देश का मूल नियम पहले से लागू है।

यह भी पढ़ें- सरकार का बड़ा ऐलान! सितंबर तक लें पैन 3 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर

मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ाने के मकसद से सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला किया है। सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) पर उत्पाद रजिस्टर करने के लिए ‘कंट्री ऑफ ओरिजन’ बताना जरूरी होगा। सभी नामांकन को आपके उत्पादों के मूल देश (मूल देश) की जानकारी ही होगी। उत्पादों के बारे में जानकारी और उत्पादों के मूल देश की जानकारी नहीं देने पर उत्पादों को GeM से हटा दिया जाएगा।

GeM का नया फीचर लागू होने से पहले जिन सेलर्स ने अपने प्रोडक्ट्स अपलोड किए हैं, उन्हें भी कंट्री ऑफ ओरिजिन अपडेट करना होगा। इसके लिए उन्हें लगातार रिमाइंडर भेजा जाएगा। रिमाइंडर के बाद भी उत्पादों पर जानकारी अपडेट नहीं करने पर उत्पादों को प्लेटफॉर्म से हटा दिया जाएगा। डीलर को यह जानकारी होगी कि सामान का निर्माण कहां हुआ है या उसका इंपोर्ट कहां से हुआ है। (आलोक प्रिय साहित्य, संवाददाता- सीएनबीसी)

टैग: वीरांगना

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page